वाशिंगटन। रूस-यूक्रेन विवाद (Russia-Ukraine dispute) कम होने की जगह और गहराता जा रहा है। एक तरफ जहां रूस अपने रवैये अड़ा तो वहीं यूक्रेन (Ukraine) भी पीछे हटने को तैयार नहीं है। अब नौबत यहां तक आ गई कि रूस ने बेलारूस के साथ अपना युद्ध अभ्यास शुरू कर दिया तो वहीं अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन (President Joe Biden) ने भी यूक्रेन की मददन के लिए फिर से करीब 3 हजार सैनिकों को भेज दिया है। यहां तक कि राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अमेरिकी नागरिकों को यूक्रेन छोड़ने के लिए कहा है। जो बाइडेन ने मीडिया से बातचीत में कहा कि अमेरिकी नागरिकों को वहां से तुरंत निकलना चाहिए। हम दुनिया की सबसे बड़ी सेनाओं में से एक के साथ उलझ रहे हैं। यह बिल्कुल अलग तरह की स्थिति है, जो बहुत जल्द नियंत्रण से बाहर जा सकती है।
रूस-यूक्रेन विवाद पर अमेरिकी विशेषज्ञों का कहना है कि यूक्रेन पर रूसी हमले को लेकर नाटो देश चिंतित हैं। उनकी चिंता कम करने के लिए ही अमेरिका नाटो देशों में सैनिकों की तैनाती बढ़ाई है। अमेरिकी रक्षा मुख्यालय पेंटागन के मुताबिक जिन 3 हजार सैनिकों को पोलैंड भेजा जा रहा है। ये सैनिक उत्तरी कैरोलिना के फोर्ट ब्रैग में तैनात थे और अगले सप्ताह की शुरुआत में पोलैंड पहुंच जाएंगे। सभी सैनिक अमेरिका की 82वीं एयरबोर्न डिवीजन की पैदल सेना का हिस्सा हैं, लेकिन अब ये सैनिक यूक्रेन की मदद के लिए जा रहे हैं।
ब्लिंकन ने कहा, कभी भी शुरू हो सकता है युद्ध
मेलबर्न में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने एशिया प्रशांत के सहयोगी देशों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक में कहा कि हम एक ऐसे दौर में हैं, जहां हमला किसी भी वक्त शुरू हो सकता है और स्पष्ट कर दूं कि यह बीजिंग ओलिंपिक के दौरान भी हो सकता है। ब्लिंकन ने इस बात को सिरे से नकार दिया कि रूसी नेता बीजिंग ओलिंपिक के 20 फरवरी को खत्म होने का इंतजार करेंगे ताकि अपने सहयोगी चीन को नाराज ना करें।
ब्लिंकेन ने कहा कि हम रूसी प्रसार के बहुत चिंता में डालने वाले संकेत देख रहे हैं। हालात पर नजर रखे लोगों का कहना है कि रूस ने जिस तरह से यूक्रेन की सीमा पर सेनाएं जुटाई हैं वो दूसरे विश्वयुद्ध के खात्मे पर बर्लिन में दाखिल हुई सोवियत सेना के बाद सबसे बड़ा शक्ति प्रदर्शन है।
अमेरिका की तरफ से किए गए कुछ आकलनों में कहा जा रहा है कि दर्जनों युद्धक ब्रिगेड समेत करीब 1,30,000 सैनिकों का सीमा पर जमावड़ा लगा है। गुरुवार को रूस के टैंकों ने बेलारुस में लाइव फायर अभ्यास किया।
उधर, यूक्रेन का कहना है कि इतनी बड़ी संख्या में जंगी जहाजों की तैनाती “अभूतपूर्व” है। इसने यूक्रेन को दोनों सागरों से अलग कर दिया है। यूक्रेन ने अपना युद्धाभ्यास भी शुरू कर दिया है। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि इससे तनाव या डर घटने के आसार बहुत कम ही हैं।
जर्मनी, रूस, यूक्रेन और फ्रांस के प्रतिनिधियों के बीच “मुश्किल बातचीत” गुरुवार को टूट गई और कोई नतीजा नहीं निकल सका। यूक्रेन ने शुक्रवार को कहा कि वह रूस समर्थित अलगाववादी नेताओं से बातचीत के लिए बनाए जा रहे रूसी दबाव के आगे नहीं झुकेगा।
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