भोपाल। बिजली लाइनों की पेट्रोलिंग अब ड्रोन के माध्यम से शुरू की जाएगी। इससे लाइनों की सुरक्षा और संरक्षा बढ़ेगी तो वही काम में भी आसानी होगी। बिजली कंपनी ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। जिसके पीछे की मुख्य वजह जीरो इंट्रप्शन पेट्रोलिंग लाना है। इसके लिए ड्रोन पेट्रोलिंग को लेकर एक प्रपोजल दिया गया जिसे शासन को भेजा जा रहा है। हाल ही में इस प्रस्ताव पर उर्जा सचिव ने भी सैद्धांतिक रूप से अपनी सहमति जताई है। शासनस्तर पर अनुमति मिलते ही ट्रांसमिशन कंपनी द्वारा इसकी शुरुआत कर दी जाएगी।
दुर्गम स्थलों में बिछी लाइन
सूत्रों के अनुसार बिजली कंपनी के द्वारा प्रदेश के अंदर करीब 59 हजार किलोमीटर लंबी बिजली लाइनों का जाल बिछा है। इसमे से कई लाइनें ऐसी है जो कि बेहद दुर्गम क्षेत्रों, पहाड़ो, जंगलों में बिछाई गई है। वहीं सामान्य भौगोलिक स्थिति के साथ ही खेत खलिहानों से भी लाइनें होकर गुजरती हैं। कई बार बारिश के दौरान बाढ़, पानी भराव होने के कारण लाइनों की जांच में बेहद कठिनाईयां होती हैं। साल में दो बार लाइनों का रखरखाव किया जाता है।
400 केवी तक लाइन
ट्रांसमिशन कंपनी द्वारा प्रदेश में 59 हजार किलोमीटर लंबी लाइनों का नेटवर्क बिछाया गया है। इसमें 132 केवी से लेकर 400 केवी तक की लाइनें डाली गई है। इन लाइनो से टॉवर और उनसे सबस्टेशनों को जोड़ा गया है ताकि बिजली आपूर्ति निर्वाध होती रहे। इन लाइनों की मानवीकृत निगरानी की व्यवस्था है।
100 फीसदी लाने की तैयारी
जानकारों के अनुसार ट्रांसमिशन सिस्टम की एवलेबिलिटी 99.60 फीसदी है इसे सौ फीसदी तक लाने का लक्ष्य एमडी सुनील तिवारी ने रखा है। इसके मददेनजर ड्रोन के माध्यम से पेट्रोलिंग की व्यवस्था की तैयारी की जा रही है। बिजली कंपनी के अंतर्गत 12 डिवीजन है। फिलहाल पॉयलेट प्रोजेक्ट के तहत विचार किया गया है कि शुरुआत में कुछ डिवीजनो में कम से कम एक से दो ड्रोन के माध्यम से इसकी शुरुआत की जाए जिसे बाद में सभी जगह लागू किया जाए।
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