वैदिक ज्योतिष शास्त्र (Vedic astrology) में कुल 12 राशियों का वर्णन किया गया है। हर राशि का स्वामी ग्रह होता है। ग्रह-नक्षत्रों की चाल से राशिफल (Horoscope ) का आकंलन किया जाता है। इसी तरह शनि देव को कर्म के देवता या कर्मदाता (worker) कहा जाता है। शनि देव, जातक के कर्म को देखते हुए उसका फल देते हैं इन्हें सबसे कठोर देवता भी माना जाता है, क्योंकि इन्हें प्रसन्न करना भी आसान नहीं होता। खासकर अगर शनि की साढ़े साती या ढैय्या किसी भी राशि पर आरंभ होती है, तो व्यक्ति को कई प्रकार के कष्टों का सामना करना पड़ता है। इस दौरान जातक की मान-मर्यादा में कमी आ जाती है और उसे जॉब से लेकर अपने गृहस्थ जीवन तक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। जानिए किन राशि वालों पर शुरू होगी शनि की साढ़े साती-
शनि 24 जनवरी 2020 से मकर राशि में गोचर कर रहे हैं। शनि की स्थिति के कारण मिथुन व तुला राशि वालों पर शनि ढैय्या और धनु, मकर और कुंभ राशि वालों पर शनि की साढ़े साती चल रही है। धनु राशि वालों पर शनि की साढ़े साती का अंतिम चरण चल रहा है। शनि राशि परिवर्तन के साथ ही धनु राशि वालों को शनि की साढ़े साती से मुक्ति मिल जाएगी।
शनि गोचर के साथ ही मीन राशि वालों पर शनि की साढ़े साती शुरू होगी। जिसके बाद मीन, मकर और कुंभ राशि वालों पर शनि की साढ़े साती का असर रहेगा। शनि राशि परिवर्तन के साथ ही मिथुन व तुला राशि वालों को शनि ढैय्या से मुक्ति मिल जाएगी। जिसके बाद कर्क व वृश्चिक राशि के जातक शनि ढैय्या की चपेट में आएंगे। ऐसे में मीन, मकर, कुंभ, कर्क और वृश्चिक राशि वालों को शनि गोचर की अवधि में सावधान रहने की जरूरत है।
शनि देव कौन हैं?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शनि सूर्य देव और छाया के पुत्र हैं, लेकिन शनि के अपने पिता सूर्य से अच्छे संबंध नहीं माने जाते हैं। इसलिए सूर्य और शनि की युति को शुभ नहीं मानते हैं। कहते हैं कि शनि देव को प्रसन्न करने के लिए हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए। पीपल के पेड़ पर दीपक जलाने से भी शनिदेव के प्रसन्न होने की मान्यता है।
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