नई दिल्ली । रूस (Russia) ने भारत विरोधी (Anti-India) अपने देश की मीडिया रिपोर्टो (Media reports country) को खारिज कर दिया है। रूस ने उस खबर को खारिज कर दिया है जिसमें कश्मीर (Kashmir) को एक और फिलीस्तीन (Palestine) बनने की ओर अग्रसर करार दिया गया है। साथ ही रूस ने अपने उस रुख को दोहराया है कि यह भारत और पाकिस्तान (India and Pakistan) के बीच का द्विपक्षीय मुद्दा । रूस ने कहा कि उसकी भारत की मैत्री (Friendship of India) दशकों पुरानी है। रेडफिश डिजिटल मीडिया मंच (Redfish digital media platform) द्वारा कश्मीर पर बने नए वृत्तचित्र का ट्रेलर (Trailer Documentary Kashmir) जारी करने के कुछ दिनों बाद यह प्रतिक्रिया सामने आई है, जिसमें इस तरह के आरोप लगाए गए हैं।
रेडफिश मीडिया को ट्विटर पर ‘रूसी सरकार से संबद्ध मीडिया’ के तौर पर दिखाया गया है। रूसी दूतावास ने एक बयान में कहा, कश्मीर के मुद्दे और द्विपक्षीय विवादों में रूस के हस्तक्षेप नहीं करने के सिद्धांत को लेकर उसके आधिकारिक रुख में कोई परिवर्तन नहीं आया है। बयान में कहा गया है कि इस मुद्दे का समाधान केवल भारत और पाकिस्तान द्वारा निकाला जाना चाहिए। शिमला समझौते और लाहौर घोषणा पत्र के आधार पर यह काम किया जाना चाहिए। दूतावास ने यह भी कहा कि चैनल द्वारा ट्विटर पर खुद को ‘रूस की सरकार से संबद्ध मीडिया’ के तौर पर दर्शाए जाने से वह स्वत: सरकार समर्थित नहीं हो जाता है।
ज्ञात हो कि यूक्रेन मामले में अभी तक भारत ने संयमित-तटस्थ रुख का परिचय दिया है। पिछले दिनों संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में यूक्रेन की स्थिति पर बैठक से पहले प्रक्रियागत मतदान में भारत, केन्या और गैबान के अनुपस्थित रहने और चीन को इसके खिलाफ मत देने पर रूस ने धन्यवाद कहा था। संयुक्त राष्ट्र में एक रूसी राजनयिक ने ‘अमेरिकी दबाव के आगे’ न झुकने के लिए चारों देशों को शुक्रिया अदा किया था।
यूक्रेन के मामले में अमेरिका और सोवियत संघ के बीच हालात दशकों तक चले शीत युद्ध जैसे ही तनावपूर्ण हैं। रूस ने यूक्रेन की सीमाओं पर अपने एक लाख से अधिक सैनिक एकत्र किए हैं। अमेरिका के नेतृत्व में उसके सहयोगी नाटो देश भी सैन्य तैयारी के साथ यूक्रेन को लेकर रूस को किसी दुस्साहस से बचने की नसीहत दे रहे हैं।
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