उज्जैन। महाकाल मंदिर के पीछे स्थित रूद्रसागर के बड़े भाग में तैयार किए जा रहे महाकाल कॉरीडोर में शिव महापुराण से संबंधित प्रतिमाओं की स्थापना के काम में और तेजी आ गई है। महाशिवरात्रि के पूर्व यहाँ के शेष काम को जल्द पूरा करने की कवायद चल रही है। कल यहाँ नंदी की विशाल प्रतिमा को स्थापित करने के लिए क्रेन से लाया गया। उल्लेखनीय है कि महाकाल विस्तारीकरण तथा रूद्रसागर विकास योजना में महाकाल कॉरीडोर का निर्माण किया जा रहा है। पिछले करीब ढाई साल से यहाँ गुजरात के मूर्तिकार शिव महापुराण से संंबंधित भगवान शिव और उनके परिवार के अन्य देवताओं सहित ऋषि मुनियों आदि की प्रतिमाओं के निर्माण में लग गए थे। यहाँ भगवान शिव की विशाल प्रतिमा के अलावा नंदी की भी पाषाण की विशाल प्रतिमा कार्यशाला में तैयार की गई है।
लगभग यहाँ छोटी-बड़ी 200 मूर्तियों को कलाकारों ने बनाया है। महाशिवरात्रि पर इन कार्यों को पूर्ण करने के लिए राज्य शासन से भी आदेश आए हैं। महाकाल विस्तारीकरण योजना के पहले चरण में यह कॉरीडोर बनाया जा रहा है। इसमें आने वाले पर्यटकों को विशाल प्रतिमाओं के माध्यम से शिव महापुराण की गाथाओं की जानकारी मिलेगी। इसी उद्देश्य से यहाँ सुंदर प्रतिमाएँ बनाकर तैयार की गई थी। इनकी स्थापना का काम पिछले एक महीने से चल रहा है। अभी तक कॉरीडोर में भगवान शिव सहित अन्य देवता और ऋषिओं की प्रतिमाओं को कलाकार स्थापित कर चुके हैं। अब यहाँ नंदी की विशाल प्रतिमा निर्धारित स्थान पर लगना है। कल इस विशाल प्रतिमा को कार्यशाला से कॉरीडोर तक लाने के लिए क्रेन का सहारा लिया गया। जल्द ही इस प्रतिमा को शिव परिवार के साथ निर्धारित स्थान पर स्थापित कर दिया जाएगा।
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