इंदौर। बिचौली मर्दाना क्षेत्र में 14 गरीब परिवार पिछले कुछ वर्षों से झुग्गी-झोपड़ी (slum) बनाकर रह रहे थे, लेकिन अतिक्रमण (Encroachment) कर सरकारी जमीन पर रहने के चलते उन्हें हमेशा हटाए जाने का डर भी बना रहता था। पिछले दिनों ही उन्हें हटने के संबंध में नोटिस (notice) भी मिला, तब उन्होंने कलेक्टर मनीषसिंह (Collector Manish Singh) से गुहार की, जिसके चलते उन्हें पट्टे दिलवा दिए गए।
जब इन गरीब परिवारों को हटाया जाने लगा, तब उन्होंने कलेक्टर से मदद मांगी और कलेक्टर ने संवेदनशीलता के साथ उनकी समस्या को जाना और उनके आवास की स्थायी व्यवस्था (permanent arrangement) करने के लिए तहसीलदार (Tehsildar) को भूमि आवंटित करने के निर्देश दिए। दरअसल, मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) की भी स्पष्ट मंशा और घोषणा है कि एक भी गरीब परिवार आवासहीन नहीं रहे और सबके रहने की स्थायी व्यवस्था की जाए।
अगर किसी कारणवश इन गरीब परिवारों को हटाना भी पड़़े तो उनके रहने की वैकल्पिक व्यवस्था अवश्य की जाए। इसके चलते मुख्यमंत्री आवासीय भू-अधिकार योजना और धारणा अधिकार (right of perception) योजना का भी प्रभावी क्रियान्वयन जिले (effective implementation district) में करवाया जा रहा है। इन 14 गरीब परिवारों को जब बिचौली मर्दाना की सरकारी जमीन से हटाने के लिए नोटिस दिए गए तो उसके बाद कलेक्टर के निर्देश पर तहसीलदार राजेश सोनी ने मालीखेड़ी के पास उन्हें पट्टे के लिए जमीन उपलब्ध करवाई और मुख्यमंत्री आवासीय भू-अधिकार योजना (Chief Minister Residential Land Rights Scheme) के तहत पट्टे देने के साथ ही कलेक्टर ने सभी गरीब परिवारों को घर बनाने के लिए 5-5 हजार रुपए की आर्थिक सहायता भी दी।
इतना ही नहीं, तहसीलदार ने मालीखेड़ी (malikhedi) में पहाड़ी के पास रहने वाले इन गरीब परिवारों के लिए जमीन समतल करवाई (leveled) और बिजली, पीने के पानी की भी व्यवस्था करवाई जा रही है। बांस-बल्ली के साथ अन्य मदद भी की गई, जिससे ये गरीब परिवार खुश हैं।
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