भोपाल। वन मंत्री विजय शाह के गृह जिले खंडवा के डीएफओ अनिल कुमार शुक्ला ने मप्र सरकार द्वारा आदिवासियों को पट्टा दिए जाने की घोषणा पर सवाल उठाए हैं। शुक्ला का सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वे कह रहे हैं कि नेता पट्टा देने की घोषणा तो कर देते हैं, लेकिन पट्टा मिलता नहीं है, पर वन भूमि पर अतिक्रमण जरूर हो जाता है। शुक्ला वीडियो में यह कहते सुनाई दे रहे हैं कि ‘ माधुरी बेन (आदिवासी नेत्री)बगैरहा जिंदा हैं, तब तक समस्या (जंगल से अतिक्रमण)का हल नहीं होगा।Ó हालांकि अग्निबाण वीडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं करता है। वीडियो पुराना बताया जा रहा है।
खंडवा डीएफओ अनिल शुक्ला ने वनों से अतिक्रमण हटाने को लेकर कहा है कि जब वन विभाग अतिक्रमण हटाने जाता है तो जिले के कलेक्टर और एसपी पीछे हट जाते हैं। वीडियो में खंडवा डीएफओ अनिल कुमार शुक्ला अपने कक्ष में वन समितियों के पदाधिकारियों से अतिक्रमण हटाने को लेकर चर्चा करते सुनाई दे रहे हैं। डीएफओ ने मुख्यमंत्री की मंशा पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि ‘जब से ये आए हैं तब से फिर पट्टा देने की घोषणा कर दी। हमारे मंत्रीजी और कलेक्टर साहब भी पट्टा देेने की घोषणा करके आ गए।Ó पट्टा तो मिलना नहीं है। वोट के लिए करते हैं। नेता मान नहीं रहे हैं, एक बार कह दो पट्टे नहीं मिलेंगे। वोट के लिए ऐसा करते रहेंगे, तो अतिक्रमण नहीं रुकेगा। इस संबंध में खंडवा डीएफओ की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई।
आदिवासी नहीं वन विभाग कटवा रहा जंगल: माधुरी बेन
खंडवा डीएफओ के बयान पर आदिवासी नेत्री माधुरी बेन से तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि वन विभाग ही जंगल कटवा रहा है और अतिक्रमण करवा रहा है। वन अफसर ही जंगल साफ करवा रहे हैं। हमारा संगठन कानून के दायरे में रहकर काम करता है। जब कानून में लिखा है कि दावों का निराकरण नहीं हो जाता तब तक किसी को बेदखल नहीं किया जाएगा। माधुरी बेन ने कहा कि वे खंडवा डीएफओ पर कानूनी कार्रवाई करेंगी।
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