कोलकाता । पश्चिम बंगाल (West Bengal) में 108 नगर निकायों के आगामी चुनावों (Bengal Civic Polls) के लिए उम्मीदवार सूची को लेकर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (TMC) में अंदरूनी कलह बढ़ गयी है. राज्यभर में विरोध होने पर पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को स्थिति को संभालने के लिए आगे आना पड़ा. टीएमसी नेएलान किया कि उसने पार्टी सदस्यों की शिकायतों पर गौर करने के लिए सभी जिलों में समन्वय समितियां गठित कर दी है जिसमें वरिष्ठ नेता शामिल हैं.
इस मुद्दे से टीएमसी और प्रशांत किशोर की अगुवाई वाली राजनीतिक परामर्शक कंपनी आई-पैक के बीच संबंधों में तनाव की अफवाहें भी आईं. इस संबंध के भविष्य को लेकर मीडिया में लगायी जा रही अटकलों को आई-पैक ने निराधार बताया. यह विवाद शुक्रवार शाम को पैदा हुआ जब टीएमसी के महासचिव पार्थ चटर्जी और पार्टी के अध्यक्ष सुब्रत बक्शी ने उनके द्वारा हस्ताक्षर की गयी उम्मीदवारों की आधिकारिक सूची जारी की.
पार्टी के आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल पर उम्मीदवारों की बिना हस्ताक्षर वाली एक अलग सूची प्रकाशित की गयी थी. दोनों सूचियों के बाहर आने पर राज्य के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शन शुरू हो गए और कई असंतुष्ट कार्यकर्ताओं को सड़कों पर टायर जलाते तथा नारेबाजी करते हुए देखा गया. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हवाईअड्डे पर पत्रकारों से कहा, ‘‘पार्थ चटर्जी तथा सुब्रत बक्शी द्वारा जारी उम्मीदवार सूची अंतिम है. सभी को खुश नहीं किया जा सकता. कुछ भ्रम हो गया था.”
टीएमसी और आई-पैक के बीच रिश्ता खत्म होने की खबरों पर पूछे जाने पर टीएमसी सुप्रीमो ने कहा कि वह ऐसे किसी भी विषय पर टिप्पणी नहीं करेंगी, जो पार्टी से संबंधित नहीं है. जब आई-पैक के अधिकारियों से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा, ‘‘आई-पैक और टीएमसी के बीच रिश्ता टूटने की मीडिया में आयी खबरें निराधार हैं. इसमें कोई भी सच्चाई नहीं है.” टीएमसी के शीर्ष नेतृत्व ने प्रदर्शनों को समाप्त करने की कोशिश करते हुए कहा है कि हर किसी को आधिकारिक सूची का पालन करना होगा.”
चटर्जी ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘शुक्रवार को जारी की गयी सूची पर हम दोनों (पार्थ चटर्जी और सुब्रत बक्शी) ने हस्ताक्षर किए थे और इसे ममता बनर्जी से अंतिम मंजूरी मिलने के बाद जारी किया गया तथा यह अंतिम सूची है। कुछ मुद्दे रहे और यह पता चला कि कई लोगों की पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़ने की इच्छा है लेकिन हर किसी को खुश करना हमेशा संभव नहीं होता है.”
टीएमसी के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न बताने की इच्छा जाहिर करते हुए इस पूरे प्रकरण के लिए आई-पैक को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा, ‘‘यह आई-पैक के कारण हुआ. बिना हस्ताक्षर वाली जो सूची अपलोड की गयी थी उस सूची को पार्टी नेतृत्व ने मंजूरी नहीं दी थी.” पार्टी नेतृत्व के एक वर्ग के इस परेशानी के लिए आई-पैक को जिम्मेदार ठहराने पर इस संगठन के सूत्रों ने दावा किया कि इस मामले में उनकी कोई भूमिका नहीं है. इस मुद्दे को लेकर अपने निर्वाचन क्षेत्र में विरोध का सामना करने वाले टीएमसी के कमारहाटी से विधायक मदन मित्रा ने कहा कि वह पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी के समक्ष इस मुद्दे को उठाएंगे.
इस बीच, टीएमसी के वरिष्ठ नेता और मंत्री सोवनदेब चट्टोपाध्याय ने कहा कि वह खारदाह निर्वाचन क्षेत्र में पार्टी की एक बैठक से हाल में चले गए थे क्योंकि उम्मीदवारों की सूची में उनके पसंद के प्रत्याशी का नाम नहीं दिया गया. दोनों वरिष्ठ नेताओं की शिकायतों के बारे में पूछे जाने पर चटर्जी ने कहा कि वह दोनों से बात करेंगे. तृणमूल कांग्रेस में युवा नेताओं और बुजुर्ग नेताओं में बढ़ते मतभेदों के बीच यह अंदरूनी कलह सामने आयी है. गत सप्ताह फिर से टीएमसी अध्यक्ष चुनी गईं ममता बनर्जी ने पार्टी के भीतर अंदरूनी कलह के खिलाफ आगाह किया है.
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