भोपाल। नर्मदा नदी के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने के लिए राज्य सरकार निर्झरणी महोत्सव मना रही है। आयोजन नर्मदा जयंती 8 फरवरी को प्रदेश के 11 जिलों में होगा। इस दौरान नर्मदा किनारे विकसित संस्कृति के विविध रूपों का प्रदर्शन सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से किया जाएगा। फिल्म का प्रदर्शन भी होगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि हमारी सभ्यताओं का विकास नदियों के किनारे हुआ है। देश में नीर, नदी और नारी तीनों पूजनीय हैं। इसी दृष्टि से प्रदेश की जीवनदायिनी मां नर्मदा के प्रति धन्यता का भाव प्रकट करने का महोत्सव मनाया जा रहा है।
संस्कृति और पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव शिवशेखर शुक्ला ने बताया कि नर्मदा जयंती पर अमरकंटक, डिंडौरी, मंडला, जबलपुर, नर्मदापुरम (होशंगाबाद), नेमावर (देवास), बरमान घाट (नरसिंहपुर), ओंकारेश्वर (खंडवा), मंडलेश्वर (खरगोन), डही (धार) और बड़वानी जिलों में निर्झरणी महोत्सव आयोजित होगा। सभी स्थानों पर जनजातीय और लोक नृत्य, लीला नाट्य गायन, वादन आदि की प्रस्तुति दी जाएंगी। नर्मदा जी की कथाओं पर आधारित जनजातीय चित्रों की प्रदर्शनी, रामायण में वर्णित वनवासी चरित्रों पर केंद्रित एकाग्र चित्र प्रदर्शनी और मां नर्मदा पर केंद्रित ‘जीवन रेखाÓ और ‘राग आफ रिवर नर्मदाÓ फिल्म दिखाई जाएंगी। वहीं स्थानीय प्रशासन प्रभातफेरी एवं आरती का आयोजन करेगा।
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