नई दिल्ली। भारत (India) से निर्यात (Export) में बीते 4 साल से लगातार बढ़त देखने को मिल रहा है जिसकी वजह से व्यापार घाटे में तेज गिरावट देखने को मिली है. 2017-18 से 2020-21 के बीच भारत से होने वाला निर्यात 13.33 अरब डॉलर से बढ़कर 21.19 अरब डॉलर हो गया है. वहीं इसी अवधि में भारत का दोनों पक्ष के बीच होने वाले व्यापार में घाटा (Trade Deficit) 30 प्रतिशत कम हो गया है. चीन के साथ कारोबार में अब भारत (India china trade) मजबूती के साथ अपनी हिस्सेदारी बढ़ा रहा है. ये जानकारी उद्योग राज्य मंत्री ने दी.
इसके साथ ही उन्होने जानकारी दी कि सरकार ने कारोबार में होने वाले गलत तौर तरीकों को रोकने के लिये भी कई कदम उठायें हैं जिससे ऐसी प्रैक्टिस पर रोक लगी है. भारत चीन व्यापार आंकड़े अरब डॉलर में देखें तो साल2017-182018-192019-202020 21 आयात 76.3870.3265.2665.21 निर्यात13.3316.7516.6121.19 कुल कारोबार 89.7187.0781.8786.40 व्यापार घाटा 63.0553.5748.6544.02।
राज्य मंत्री ने जानकारी दी कि भारत से चीन को निर्यात 2016-17 में 13.33 अरब अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 2020-21 में 21.19 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया है, जिससे पता चलता है कि भारत से चीन को निर्यात में बढ़त जारी है. वहीं 2018-19 में चीन के साथ व्यापार 87.07 अरब अमरीकी डॉलर था, जो 2019-20 में घटकर 81.87 अरब अमरीकी डॉलर हो गया और 2020-21 में यह 86.40 अरब अमरीकी डॉलर था. यानि साफ है कि कुल कारोबार में कोई खास बदलाव नहीं हुआ है हालांकि इस दौरान भारत ने कारोबार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है. उनके मुताबिक भारत सरकार ने चीन के साथ अधिक संतुलित व्यापार के लिए निरंतर प्रयास किए हैं, जिसमें चीन को भारतीय निर्यात पर गैर-टैरिफ बाधाओं को दूर करने के लिए द्विपक्षीय भागीदारी शामिल है
इसके साथ सरकार ने अनुचित व्यापार प्रथाओं के खिलाफ एक्शन के लिये एंटी-डंपिंग, काउंटरवेलिंग ड्यूटी आदि के रूप में कई कदम उठाये हैं और घटिया आयात की जांच के लिए गुणवत्ता नियम भी सख्त किये हैं. वहीं घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिये भी कदम उठाये गये हैं. सरकार ने महत्वपूर्ण क्षेत्रों में घरेलू विनिर्माण क्षमता को बढ़ावा देने के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम जैसी योजनाएं भी शुरू की हैं.
इन क्षेत्रों में ड्रग इंटरमीडिएट्स, एपीआई, चिकित्सा उपकरण, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और मोबाइल, व्हाइट गुड्स, स्पेशलिटी स्टील, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग, उच्च दक्षता वाले सौर पीवी मॉड्यूल, ड्रोन और ड्रोन कंपोनेंट आदि शामिल है, राज्यमंत्री के अनुसार ये योजनाएं घरेलू विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ावा देंगी और निवेश को आकर्षित करेंगी और चीन से आयात पर निर्भरता कम करेंगी. उन्होने ये भी कहा कि सरकार सेवा क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिये भी खास रणनीति का पालन कर रही है.
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