उज्जैन। जिला प्रशासन ने पिछले साल शहर में बीपीएल के फर्जी राशन कार्ड की जाँच शुरु कराई थी। जाँच के लिए विभिन्न विभागों के कर्मचारियों को लगाया गया था जिसमें लगभग 26 हजार राशन कार्ड फर्जी पाए गए थे। उल्लेखनीय है कि शहरी क्षेत्र में फर्जी राशन कार्ड की जाँच का काम करीब 1 साल पहले शहर में शुरु हुआ था। जाँच का यह काम सबसे पहले वार्ड 49 से शुरु हुआ था। एक ही वार्ड में जाँच के दौरान 100 से ज्यादा राशन कार्डों में गड़बडिय़ाँ पाई गई थी। इनमें कई उपभोक्ता ऐसे थे जो सरकारी नौकरी में थे।
फिर भी वे गरीबी रेखा राशन कार्ड बनवाकर राशन ले रहे थे। इसके बाद से जाँच का दायरा और बढ़ा दिया गया था। पिछले साल के अंत तक फर्जी राशन कार्डों की जाँच में जिला प्रशासन ने 26 हजार फर्जी राशन कार्ड चिन्हित कर दिए थे और कलेक्टर ने इन्हें निरस्त करने तथा फर्जी तरीके से राशन ले चुके उपभोक्ताओं से वसूली करने के लिए भी कहा था। परंतु फर्जी राशन कार्ड की जाँच का काम इसके बाद से आगे नहीं बढ़ पाया है। अभी भी 50 हजार से ज्यादा गरीबी रेखा राशन कार्ड की जाँच का काम बाकी है।
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