इंदौर। दो साल पहले बाणगंगा थाना क्षेत्र (Banganga Police Station Area) में एक बेटी द्वारा अपने सगे पिता पर दुष्कर्म का आरोप (Real father accused of rape) लगाकर सनसनी फैलाने वाली बेटी कोर्ट में जाकर पलट गई। उसने कहा कि उसका तो पिता से पैसों का विवाद था, पुलिस ने क्या रिपोर्ट लिखी उसे नहीं मालूम है।
बाणगंगा थाने (banganga police station) मे दो साल पहले दर्ज इस मामले में एक नाबालिग लडक़ी (minor girl) ने पिता के खिलाफ बलात्कार, धमकाने, मारपीट व पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज कराया था। उसका कहना था कि उसके पिता पांच साल से उसके साथ खोटा काम कर रहे हैं। पहली बार उसका मुंह दबाकर जबरदस्ती की थी। बाद में उसकी मां को मार डालने की धमकी देकर उसका शारीरिक शोषण (physical torture) किया जाता रहा। उसकी छोटी बहन पिता की हवस का शिकार नहीं हो जाए, इसलिए वह अब रिपोर्ट कर रही है।
मामला जब कोर्ट (court) में चला तो लडक़ी अपनी लिखाई पुलिस रिपोर्ट से ही पलट गई। उसने कहा कि उसने पिता से पैसे मांगे थे। नहीं देने पर विवाद हुआ तो वह थाने गई थी। पुलिस ने थाने में क्या रिपोर्ट लिखी उसे नहीं पता। इसी तरह मामले में गवाह रहे बालिका की मां, मामा व मौसी भी अपने पूर्व में दिए बयानों से मुकर गए। प्रकरण में डॉक्टर उषा चौधरी (Doctor Usha Chaudhary in the episode) ने मेडिकल रिपोर्ट पेश कर लडक़ी से बलात्कार होने की पुष्टि की थी, किंतु लडक़ी के मुकर जाने के साथ ही फरियादी सहित अहम गवाहों के होस्टाइल हो जाने पर जज पावस श्रीवास्तव ने पिता को बरी कर दिया।
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