इंदौर। साइबर सेल (cyber cell) ने चाइनीज कंपनी को फर्जी कंपनियां (Chinese company fake companies) बनाकर देने और उससे हुई 22 लाख की ठगी के मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया था। इन लोगों ने कंपनियों को बैंक खाते भी उपलब्ध करवाए थे। ये सभी 15 खाते एक ही पते पर थे, जिनमें ठगी के करोड़ों रुपए जमा हैं। अब साइबर सेल की टीम दिल्ली की आईसीआईसीआई बैंक की शाखा (ICICI Bank branch in Delhi) के अफसरों से पूछताछ करेगी कि एक ही पते पर 15 खाते कैसे खुले।
साइबर सेल ने निजी कंपनी के हेड सैयद रिजवान-उल-हक (Head Syed Rizwan-ul-Haq) से साढ़े 22 लाख की ठगी में दिल्ली से दो आरोपी जतिनसिंह और इंद्रजीत को गिरफ्तार (Indrajit arrested) किया था। इन लोगों ने 50-50 हजार में चाइनीज कंपनी के शान और पूजा कैरी को 15 कंपनियां बनाकर देना कबूला था। साथ ही यह भी बताया था कि उन्होंने कंपनी को दिल्ली की आईसीआईसीआई बैंक की एक शाखा में 15 बैंक खाते भी उपलब्ध करवाए थे, जिनमें ठगी का पैसा जमा हुआ था। इस पर साइबर सेल ने बैंक से जानकारी मांगी थी।
आठ खातों की जानकारी मिल चुकी है, जिनमें एक करोड़ रुपए से अधिक की राशि जमा थी, जिनको साइबर सेल ने फ्रीज करवा (Cyber cell freezes) दिया है। सात खातों की जानकारी आना बाकी है। अब साइबर सेल की एक टीम बैंक अधिकारियों से पूछताछ करने के लिए दिल्ली भेजी जा रही है। टीम पता लगाएगी कि एक ही पते पर 15 बैंक खाते कैसे खुले। हालांकि टैक्सो ग्लोबल चाइनीज कंपनी के डायरेक्टर चार्ली पेंग सरगना (charlie peng gangster) है। उसको ईडी ने 100 करोड़ के हवाला केस में बंद किया था, वहीं मणिपुर की युवती फ्रेंकली के पते पर भी नोटिस जारी कर उसे बुलाया गया है, ताकि शान की जानकारी मिल सके। पुलिस यह भी पता लगा रही है कि इनके पासपोर्ट कहां हैं, ताकि उनके बारे में जानकारी मिल सके।
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