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पारंपरिक और प्राकृतिक खेती की ओर लौटेगा मप्र

February 03, 2022

  • मुख्यमंत्री ने कहा सभी मंत्री प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करें
  • मोटे अनाजों की खेती को बढ़ावा देना जरूरी
  • जल्द शुरू होगा फसल पैटर्न में बदलाव का कार्य

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कृषि का विविधीकरण, मोटे अनाजों की खेती को प्रोत्साहन और प्राकृतिक तथा जैविक खेती राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। मंत्रि-परिषद के जिन-जिन सदस्यों के पास खेती है, वे अपने खेत में प्राकृतिक खेती का मॉडल फॉर्म विकसित करें। इससे लोग प्राकृतिक खेती के लिए प्रेरित होंग। मुख्यमंत्री ने कहा कि नर्मदा नदी के दोनों ओर 5 किलोमीटर की पट्टी पर प्राकृतिक खेती को विकसित करने के लिए विशेष अभियान चलाया जाए। प्रदेश में फसल पैटर्न के बदलाव का कार्य खरीफ की फसलों के साथ आरंभ कर दिया जाएगा। नरवाई जलाने की प्रथा पर नियंत्रण के लिए कस्टम हायरिंग सेंटर बनाए जाएंगे, इसके लिए किसानों को किराए पर मशीन उपलब्ध कराने की व्यवस्था भी उपलब्ध कराई जा रही है।



मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्यानिकी की खेती में निर्धारित 22 उत्पाद का मैकेनिज्म विभिन्न जिलों के अधिकारियों तथा उत्पादकों के साथ तय किया जाए। उद्यानिकी उत्पाद, उनके गुणवत्ता सुधार, पैकेजिंग, मार्केटिंग और ब्राण्डिंग के लिए सम्पूर्णता में रणनीति बनाना और उसका क्रियान्वयन सुनिश्चित करना आवश्यक है। मधुमक्खी पालन को उन्हीं जिलों में प्रोत्साहित किया जाए जहाँ फूलों की खेती या फूलों वाली फसलें अधिक होती हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि उद्यानिकी सहित पॉली हाउस, नर्सरी, प्राकृतिक खेती आदि के लिए दक्ष व्यक्तियों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से प्रदेश में मालियों के प्रशिक्षण के लिए विशेष व्यवस्था की जाना आवश्यक है। इस दिशा में कृषि विश्वविद्यालयों को जोड़कर रणनीति बनाई जाए।

जबलपुर में गोबर से बनेगी सीएनजी
मुख्यमंत्री ने पशुपालन विभाग की समीक्षा के दौरान कहा कि गोबर से सीएनजी उत्पादन के प्लांट के लिए जबलपुर को चिन्हित किया गया है। बनारस में संचालित प्लांट का निरीक्षण करने जबलपुर से टीम भेजकर तत्काल प्रोजेक्ट तैयार किया जाए। हरे चारे को काटकर ब्लॉक बनाने की तकनीक को भी प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने कम राशि में संचालित होने वाले बकरी और मुर्गी पालन जैसी गतिविधियों को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता बताई।

पुश्तैनी मछली पालकों को प्रोत्साहित करें
मुख्यमंत्री ने कहा कि मछली पालन में पुश्तैनी और परम्परागत रूप से कार्य कर रहे लोगों को सहकारिता गतिविधियों में प्रोत्साहित किया जाए। देश के जिन राज्यों में मछली पालन आधुनिकतम तरीकों से किया जा रहा है, उन राज्यों में प्रदेश के मछली पालकों के अध्ययन दल को भेजा जाए। मनरेगा में बने तालाबों पर भी मछली पालन गतिविधियों का विस्तार किया जा रहा है। साथ ही मार्च माह में मछुआरों से संवाद का कार्यक्रम किया जाएगा।

प्रदेश की उन्नति के लिए निरंतर काम करें
मुख्यमंत्री ने अफसरों की बैठक में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में प्रस्तुत केंद्रीय बजट अमृत काल का बजट है। यह प्रदेश की तस्वीर और तकदीर बदलने का समय है। टीम मध्यप्रदेश बिना एक क्षण गवाएँ, प्रदेश के विकास और उन्नति के लिए निरंतर कार्य करें। गौरवशाली, वैभवशाली भारत के निर्माण में मध्यप्रदेश अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देगा। मुख्यमंत्री पिछली महीने विभागीय समीक्षाओं में दिए गए निर्देशों के क्रियान्वयन की समीक्षा भी की थी।

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