नई दिल्ली। पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 (Punjab Assembly Elections 2022) से पहले पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Punjab Congress President Navjot Singh Sidhu) की मुसीबतें बढ़ती नजर आ रही हैं। चुनावों के बीच सिद्धू कानूनी पचड़े में फंसते नजर आ रहे हैं. सिद्धू से जुड़े 33 साल पुराने केस (33 year old case) में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) गुरुवार दोपहर 3.30 बजे सुनवाई करेगा।
इस मामले में जस्टिस ए एम खानविलकर और जस्टिस संजय किशन कौल की विशेष पीठ सुनवाई करेगी. इस मामले में पीड़ित परिवार ने कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी. परिवार की याचिका के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने 15 मई 2018 को सिद्धू को रोड रेज के मामले में मात्र 1,000 रुपए के जुर्माने के साथ छोड़ दिया था. ऐसे में 33 साल पुराना ये मामला सिद्धू के लिए मुसीबत खड़ी कर सकता है।
ये है मामला?
27 दिसंबर 1988 को कार पार्किंग को लेकर सिद्धू की गुरनाम सिंह नाम के एक बुजुर्ग से कहासुनी हुई और फिर देखते ही देखते हाथापाई होने लगी. इस दौरान गुरनाम सिंह के साथ उनका भांजा भी था. बताया जा रहा है कि हाथापाई के दौरान सिद्धू ने गुरनाम को घुटना मारकर सड़क पर गिरा दिया. इसके बाद गुरनाम को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इससे पहले ही वो दम तोड़ चुके थे. सिद्धू के साथ उस उक्त उनका दोस्त रुपिंदर सिंह संधू भी था. साल 2006 में इस केस में सिद्धू को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली थी. अदालत ने उन्हें दोषी ठहराया था और सजा सुनाई थी. इसके बाद हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी।
अमृतसर ईस्ट से चुनावी मैदान में सिद्धू
बता दें कि पंजाब की 117 सीटों पर (Punjab Polling Schedule) पर एक ही चरण में 20 फरवरी को मतदान होना है. वहीं, वोटों की गिनती 10 मार्च को होगी. अमृतसर से तीन बार सांसद रह चुके सिद्धू अमृतसर ईस्ट सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. उनके खिलाफ शिरोमणि अकाली दल ने बिक्रम मजीठिया को मैदान में उतारा है।
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