नई दिल्ली। फ्यूचर-अमेजन विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई के लिए तैयार हो गया है। कोर्ट में इस मामले में आठ फरवरी को सुनवाई होगी। यह सुनवाई अमेजन की ओर से दायर की गई याचिका के बाद हो रही है, जिसमें दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा अमेजन-फ्यूचर रिटेल के बीच हुई डील पर रोक लगा दी गई थी।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के उन तीन फैसलों को भी रद्द कर दिया था, जिसमें डील को लेकर चल रहे विवाद में फ्यूचर ग्रुप को राहत दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट से दोबारा विचार करने को कहा है।
इन आदेशों को किया सुप्रीम कोर्ट ने खारिज
सीजेआई जस्टिस एनवी रमण की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने हाईकोर्ट का पिछले साल 2 फरवरी का आदेश खारिज कर दिया। हाईकोर्ट ने इस आदेश में फ्यूचर रिटेल लि. (FRL) को विलय के करार को लेकर यथास्थिति का आदेश दिया था।
इसके अलावा हाईकोर्ट ने गत वर्ष 18 मार्च के आदेश में मध्यस्था कोर्ट के आपात आदेश (EA) को कायम रखते हुए फ्यूचर समूह व उसके निदेशकों पर 20 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। उसे भी सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। शीर्ष कोर्ट ने 29 अक्तूबर 2021 का वह आदेश भी खारिज कर दिया, जिसमें सिंगापुर की अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता कोर्ट (SIAC) के आदेश पर रोक लगाने से इनकार किया गया था।
अमेजन-फ्यूचर के बीच क्या है विवाद
अमेजन ने 2019 में 1500 करोड़ रुपए में फ्यूचर कूपन (फ्यूचर ग्रुप की होल्डिंग कंपनी) में 49% हिस्सेदारी खरीदी थी। इस डील के तहत अमेजन को 3 से 10 साल के अंदर फ्यूचर रिटेल में हिस्सेदारी खरीदने का भी अधिकार मिल गया था, लेकिन 2020 में फ्यूचर ग्रुप ने अपने रिटेल, होलसेल और लॉजिस्टिक्स बिजनेस को रिलायंस रिटेल को 24,713 करोड़ रुपए में बेचने की घोषणा कर दी। अमेजन की ओर से इस डील पर आपत्ति जताई गई, जिसके बाद से यह विवाद खड़ा हो गया।
सिंगापुर मध्यस्थता कोर्ट पहुंचा अमेजन
फ्यूचर-रिलायंस ग्रुप के बीच हुई डील पर आपत्ति जताते हुए अमेजन ने सिंगापुर इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेंटर (SIAC) में अपील की। अमेजन ने कहा कि रिलायंस और फ्यूचर के बीच यह डील अवैध है। इसके बाद सिंगापुर मध्यस्थता कोर्ट ने फ्यूचर-रिलायंस के बीच हुई डील पर रोक लगा दी थी। इसके बाद फ्यूचर रिटेल ने मामले में दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया और अमेजन के साथ हुई डील को अवैध घोषित करने के लिए अपील भी की।
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