रवीन्द्र जैन
भोपाल। मप्र लोकायुक्त और राज्य सरकार ने प्रदेश के रिटायर होमगार्ड डीजी महान भारत सागर पर शिकंजा कस दिया है। भ्रष्टाचार के दो बड़े मामलों में लोकायुक्त कभी भी उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर सकता है। दूसरी ओर राज्य सरकार ने भी महान भारत पर शिकंजा कसते हुए उन्हें दोनों मामलों में आरोप पत्र जारी करने केन्द्रीय गृह मंत्रालय से अनुमोदन मांगा है।
मप्र में 1985 बैच के आईपीएस महान भारत पर आरोप है कि 2017-19 में होमगार्ड डीजी रहते उन्होंने मनमाने तरीके से राज्य सरकार की बिना अनुमति के तीन गोपनीय सैनिकों की नियुक्तियां कर ली थीं। शिकायत के बाद इन्हें हटाया गया, लेकिन तब तक इन्हें वेतन भत्तों के रूप में 24 लाख से अधिक का भुगतान कर शासन को आर्थिक क्षति पहुंचायी गई। महान भारत पर दूसरा गंभीर आरोप है कि होमगार्ड सैनिकों के लिये स्टोर में 9873 खाकी बैरेट कैप होने के बाद भी उन्होंने शासन की अनुमति लिये बिना खाकी के बजाय नीचे कैप का आदेश जारी कर 12.19 लाख के खाकी कैप अनुपयोगी कर दिये और 19.80 लाख के नीले कैप खरीद लिये। इससे सरकार को कुल 31.98 की आर्थिक हानि हुई।
आरोप पत्र अनुमोदन के लिये दिल्ली भेजा
महान भारत सितंबर 2020 में रिटायर हो गये हैं। उनके खिलाफ लोकायुक्त में शिकायत दर्ज होने के बाद सरकार हरकत में आई है। गृह विभाग ने उनके खिलाफ विभागीय जांच कराने का निर्णय लेते हुए आरोप पत्र तैयार कर लिया है, लेकिन चूंकि वे रिटायर हो गये हैं, इसलिये आरोप देने का अनुमोदन केन्द्रीय गृह मंत्रालय से कराना जरूरी है। आरोप पत्र का प्रस्ताव दिल्ली भेजा जा चुका है। दूसरी ओर लोकायुक्त संगठन भी इस मामले की जांच कर रहा है। लोकायुक्त में राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त मुख्यसचिव राजेश राजौरा, पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी और होमगार्ड डीजी पवन जैन पक्ष रख चुके हैं। सूत्रों का कहना है कि लोकायुक्त इस मामले एफआईआर दर्ज करने की तैयारी में है।
तुलसी टावर में विवाद
महान भारत रिटायरमेंट के बाद भोपाल में हाऊसिंग बोर्ड के तुलसी टावर में रह रहे हैं। आरोप है कि तुलसी टावर की छत पर उन्होंने जबरन कब्जा कर लिया है। तुलसी टावर के रहवासियों ने भी उनके खिलाफ मोर्चा खोल रखा है।
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