भोपाल। राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा है कि अपने प्राणों को संकट में डालकर दूसरों की जान बचाने वाले होमगार्ड के जवान देवदूतों की तरह लोगों की मदद करते हैं। आपदा में वे वास्तव में धरती पर भगवान का रूप होते हैं। राज्यपाल ने होमगार्ड मुख्यालय में शिल्प उपवन का लोकार्पण करते हुए यह बातें कहीं। उन्होंने गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा द्वारा गत वर्ष अपनी जान जोखिम में डालकर बाढ़ पीडि़तों की मदद करने पर मुक्त कंठ से सराहना की। राज्यपाल ने कहा कि जब दिल, दिमाग और हाथों का समन्वय होता है, तब शिल्पकार उत्कृष्ट शिल्पों का निर्माण करते हैं। आप एकाग्रता को कायम कर ही अच्छे शिल्पकार बन सकते हैं। राज्यपाल ने कहा कि आपदा में बिना डरे, बगैर पीछे हटे अपना कत्र्तव्य निभाने वाले जवानों का शिल्प उपवन में प्रदर्शन सराहनीय है। राज्यपाल ने कहा कि प्राकृतिक आपदा, महामारी और शांति सुरक्षा से जुड़े प्रबंधन, राहत एवं बचाव का कार्य अत्यंत चुनौतीपूर्ण है। उन्होंने आपदा प्रबंधन के अनुभवों को भी साझा करने की आवश्यकता बताई। कार्यक्रम में पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी, अपर मुख्य सचिव गृह डॉ. राजेश राजौरा और पुलिस के अन्य आला अधिकारी उपस्थित थे।
शेर दिल हैं होमगार्ड जवान: गृहमंत्री
गृह मंत्री ने कहा कि कौन कहता है कि भगवान नजर नहीं आता, आपदा में सिर्फ वही नजर आता है। होमगार्ड के जवान संकट में फँसे लोगों की ईश्वर की तरह ही मदद करते हैं। मिश्रा ने कहा कि जिंदगी हिम्मत से जीती जाती है। होमगार्ड के जवान शेरदिल हैं। हिम्मत की कोई कमी नहीं है। आपदा के समय जब ये मौजूद होते हैं, तो जनता में दृढ़ विश्वास होता है कि हर संकट चाहे बाढ़ हो, आग हो, कोई दुर्घटना हो, सभी से होमगार्ड के जवान बचाकर ले आयेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में होमगार्ड के जितने जवान हैं, उतनी ही जिंदगियाँ एक साल में उन्होंने बचाई हैं।
होमगार्ड के जवान संकट के समय हमेशा तत्पर: पवन जैन
महानिदेशक होमगार्ड एवं आपदा प्रबंधन पवन जैन ने कहा कि हमारे जवान दूसरों के प्राणों की रक्षा के लिये अपने प्राण देने के लिये भी तैयार रहते हैं। जैन ने कहा कि हमारे जवान हर तरह के संकट में लोगों की जान-माल की सुरक्षा के लिये तत्पर रहते हैं। जवान परिंदों की तरह हैं, जो पूरे आसमान में अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हैं। उन्होंने कहा कि होमगार्ड के जवानों ने 16 दिसम्बर, 2021 को 12 घंटे के सतत रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद छतरपुर में जिंदगी बचाने का अद्भुत कार्य किया। भोपाल में ही 5 सदस्यीय परिवार को 3 बार पानी की टंकी से उतार कर उनके जीवन की प्राण-रक्षा की। हमारे जवान हुनरमंद हैं। उनके द्वारा पत्थरों को तराश कर शिल्प उपवन को तैयार करने में महती भूमिका निभाई गई है।
4 डिवीजन को मिली मल्टी यूटिलिटी व्हीकल
शिल्प उपवन लोकार्पण समारोह में प्रदेश के 4 डिवीजन को मल्टी यूटिलिटी व्हीकल की चाबियाँ सौंपी गईं। डिवीजनल कमाण्डेंट ग्वालियर मनीष सिंह चौहान, जबलपुर के रोहिताश पाठक, भोपाल की सुश्री उषा डामोर और उज्जैन की श्रीमती प्रीति बाला सिंह ने चाबियाँ प्राप्त कीं।
जिलों को मिले टेबलेट
आपदा प्रबंधन के कार्य को तकनीकी रूप से उन्न्त बनाने के लिये सभी जिलों को टेबलेट प्रदान किये गये। कार्यक्रम में 10 जिलों भोपाल, इंदौर, दमोह, ग्वालियर, श्योपुर, होशंगाबाद, शाजापुर, सतना, उमरिया और कटनी के अधिकारियों को प्रतीकात्मक रूप से टेबलेट प्रदान किये गये।
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