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    जानिए Budget से जुड़े ये फैक्ट, इस वित्त मंत्री ने नहीं पेश किया एक भी बजट

  • February 01, 2022

    नई दिल्ली। कल यानी 31 जनवरी से बजट सत्र (budget session) शुरू हो चुका है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) आज आम बजट (Union Budget 2022) पेश करेंगी. बढ़ती महंगाई से परेशान जनता आगामी बजट सत्र पर अपनी नजरें टिकाई हुई है. इस साल का बजट में आम लोगों को महामारी की तीसरी लहर से बचाने और इकोनॉमी को बूस्ट देने पर विचार किया जाएगा. आइए जानते हैं बजट से जुड़ी ऐसी बातें जिसे आप शायद ही जानते होंगे।

    इस तारीख को पेश हुआ पहला बजट
    बजट में सरकार की तरफ से आगामी साल का आय और खर्च का लेखा-जोखा पेश किया जाता है. सरकार द्वारा साल भर का देश की आय और खर्च का लेखा-जोखा पेश करने की शुरुआत ब्रिटेन में हुई थी. ब्रिटिश काल में पहली बार भारत में 7 अप्रैल 1860 को बजट पेश किया गया था. फाइनेंस मेंबर जेम्स विल्सन ने इस बजट को पेश किया. आजादी के बाद ब्रिटेन के ही बजट पेश करने के तरीके को ही आगे बढ़ाया गया।


    ये वित्त मंत्री पेश नहीं कर पाए एक भी बजट
    आपको जानकर हैरानी होगी कि अपने देश में एक ऐसी भी वित्त मंत्री हुए हैं जिन्होंने काभी बजट पेश नहीं किया है. 35 दिनों तक 1948 में वित्त मंत्री रहे केसी नियोगी, इकलौते ऐसे वित्त मंत्री रहे, जिन्होंने एक भी बजट पेश नहीं किया. उनके बाद जॉन मथाई भारत के तीसरे वित्त मंत्री बने।

    कब पेश होता है बजट
    अब बजट दोपहर में 11 बजे पेश किया जाता है. इससे पहले ब्रिटिश काल में बजट शाम 5 बजे पेश किया जाता था. ऐसा इसलिए किया जाता था, ताकि रात भर बजट पर काम करने वाले अधिकारियों को थोड़ा आराम मिल सके।

    सबसे अधिक बार पेश किया बजट
    भारत में सबसे अधिक बार भारत का बजट मोरारजी देसाई ने पेश किया है. मोरारजी देसाई ने वित्त मंत्री के रूप में दस बार देश का बजट पेश किया है. इसमें आठ बजट और दो अंतरिम बजट शामिल हैं।

    लाल बैग की परंपरा खत्म
    सबसे पहले जब ब्रिटेन के वित्त मंत्री संसद में सरकार का खर्च और आय की जानकारी देते थे और इसे चमड़ें के लाल बैग में लेकर आया जाता था लेकिन भाजपा सरकार ने लाल बैग की परंपरा को खत्म किया।

    जीएसटी का पहली बार जिक्र
    28 फरवरी, 2006 को तत्कालीन फाइनैंस मिनिस्टर पी. चिदंबरम ने पहली बार बजट में जीएसटी की बात की थी. पहली बार यूपीए-2 के कार्यकाल में चिदंबरम की ओर से राष्ट्रीय एकल टैक्स की बात कही गई थी।

    इंफ्रास्ट्रक्चर की बात कब हुई?
    आपको बता दें कि देश की आजादी के बाद 30 साल तक पेश किए गए आम बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर शब्द का प्रयोग तक नहीं हुआ था. यह शब्द 1990 में ही चर्चा का विषय बना था. और आज यह इंफ्रास्ट्रक्चर दे की अर्थव्यवस्था में अपनी खास जगह बनाए हुए है।

    महिला के मुद्दों पर टूटी चुप्पी
    आम बजट के लिहाज से पहले महिलाओं को बजट में जगह नहीं मिली थी. बजट में महिलाओं के मुद्दों को बहुत देर से स्थान मिला. 1980 तक आम बजट में महिला मुद्दों का जिक्र भी नहीं किया जाता था. यानी इसके बाद ही महिलाओं के बारे में बजट में चर्चा होने लगी।

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