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    मौनी अमावस्या पर कल बस इतने बजे तक ही रहेगा स्नान-दान का शुभ मुहूर्त, जान लें सही समय वरना…

  • January 31, 2022


    नई दिल्ली: हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मौनी अमावस्या होती है. मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya 2022) को माघी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है. मौनी अमावस्या सभी अमावस्याओं में काफी महत्वपूर्ण होती है. हिंदू धर्म में माघ मास का विशेष महत्व होता है. इस महीने में स्नान, दान किया जाता है.

    इस दिन भगवान विष्णु की पूजा- अर्चाना करने से व्यक्ति के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. इस साल मौनी अमावस्या 1 फरवरी 2022 को है. अमावस्या तिथि सोमवार को पड़ने के कारण इसे सोमवती अमावस्या और मंगलवार को पड़ने के कारण इसे भौमी अमावस्या भी कहा जाता है. आइए जानते हैं मौनी अमावस्या के दिन स्नान और दान का शुभ मुहूर्त, इस दिन बनने वाला शुभ योग और महत्व.

    मौनी अमावस्या शुभ मुहूर्त (Mauni Amavasya 2022 Snan Shubh Muhurat)

    • अमावस्या तिथि प्रारम्भ – जनवरी 31, 2022 को दोपहर 02:18 बजे
    • अमावस्या तिथि समाप्त – फरवरी 01, 2022 को सुबह 11:15 बजे
    • मौनी अमावस्‍या पर स्‍नान और दान- फरवरी 01 को सुबह 11.15 बजे तक

    वैसे तो अमावस्या तिथि 31 जनवरी को दोपहर बाद से शुरू हो रही है जिससे इस दिन पितरों का श्राद्ध आदि किया जा सकता है वहीं, स्नान और दान 1 फरवरी को सूर्योदय के बाद किया जाएगा.

    मौनी अमावस्या पर बन रहा है शुभ योग (Mauni Amavasya Shubh Yog)
    1 फरवरी 2022 को अमावस्या तिथि के दिन महोदय और सर्वार्थ सिद्धि योग बनने रहे हैं. जिस कारण इस दिन का महत्व और भी ज्यादा बढ़ गया है. यह योग काफी पुण्यदायक हैं ऐसे में इस दिन किसी पवित्र स्थल और नदियों में जाकर स्नान, दान और पूजा करने से व्यक्ति को सभी कष्टों से छुटकारा मिलता है और शुभ फल की प्राप्ति होती है. साथ ही इस साल मौनी अमावस्या पर धनु राशि में सूर्य, मंगल और शुक्र का गोचर होगा. मकर राशि में चंद्रमा, शनि और सूर्य देव संचरण करेंगे. ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, मौनी अमावस्या पर 27 साल बाद मकर राशि में शनि देव और सूर्य देव गोचर करेंगे.


    मौनी अमावस्या का महत्व
    मौनी अमावस्या के दिन मौन व्रत का विशेष महत्व होता है. मौन व्रत का अर्थ खुद के अंतर्मन में झांकना, ध्यान करना और भगवान की भक्ति में खो जाने से है. धार्मिक मान्यता है कि मौन व्रत रखने से आध्यात्मिक चेतना का विकास होता है. इसके अलावा इस दिन पितरों का तर्पण, श्राद्ध, पिंडदान आदि कर्म भी किए जाते हैं.

    मौनी अमावस्या के दिन क्यों महत्वपूर्ण माना जाता है गंगा नदी में स्नान
    धार्मिक मान्याताओं के मुताबिक, मौनी अमावस्या के दिन गंगा नदी का पानी अमृत बन जाता है. ऐसे में इस दिन गंगा नदी में स्नान करने से व्यक्ति के सभी पाप मिट जाते हैं. साथ ही मृत्यु के बाद मोक्ष की भी प्राप्ति होती है.

    मौनी अमावस्या के दिन किस तरह करें स्नान
    इस दिन स्नान करने से पहले संकल्प लें. सबसे पहले पानी को अपने सिर पर लगाएं और प्रणाम करें. इसके बाद स्नान करें और साफ कपड़े पहनें. फिर पानी में काले तिल डालकर सूर्य को अर्घ्य दें. इस दिन स्नान के बाद तिल, तिल के लड्डू या कंबल का दान करना काफी शुभ माना जाता है. इस दिन दान करने से व्यक्ति की कुंडली में मौजूद सभी दोष खत्म हो जाते हैं.

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