भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Former Chief Minister Kamal Nath) ने अपने एक बयान में कहा कि मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के बैरसिया में एक भाजपा नेत्री द्वारा संचालित गौ सेवा भारती नाम की गौशाला (Gaushala named Gau Sewa Bharati) में सैकड़ों गायों के शव मिलने की तस्वीरें बेहद पीड़ादायक व दर्दनाक है, यह झकझोर देने वाली है, इसमें से कई शव तो गड्ढों में सड़े हुए पाए गये।
क्षेत्रीय लोगों के विरोध के बाद यह सारा मामला सामने आया है, पता नही यह सब कितने दिनो से चल रहा है? प्रदेश की राजधानी से सटे इलाक़े की यह स्थिति है तो दूर-दराज के ग्रामीण इलाक़ों की स्थिति ख़ुद समझी जा सकती है। शिवराज सरकार में प्रदेश के कई जिलों से दम तोड़ती गायों की तस्वीरें निरंतर सामने आ रही है, धार्मिक भावनाएँ भी आहत हो रही है। सरकार व ज़िम्मेदार मूकदर्शक बनकर यह सब देख रहे है। इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिये कोई ठोस कदम नही उठाये जा रहे है।
नाथ ने बताया कि हमारी सरकार में हमने गौवंश की सुरक्षा, संरक्षण, संवर्धन व उनके भरण-पोषण के लिये कई उल्लेखनीय कदम उठाये थे, प्रदेश में प्रारंभिक चरण में हमने एक हज़ार आधुनिक गौशालाओं का निर्माण कार्य प्रारंभ कराया था, चारे की राशि को भी बढ़ाया था, सड़कों पर घूमकर दुर्घटना का शिकार हो रही गौमाता की सुरक्षा को लेकर भी हमने निर्देश जारी कर कदम उठाये थे।लेकिन अफसोस है कि जो खुद को सबसे बड़ा धर्म प्रेमी बताते हैं, जो ख़ुद को बड़ा गौभक्त बताते है, उनकी सरकार में गौमाता की आज यह स्थिति है? जो लोग गौमाता को लेकर बड़े-बड़े दावे करते हैं, बड़ी-बड़ी बातें करते है, गौ केबिनेट बनाने की बात करते हैं, आज उनकी सरकार में प्रदेश भर में गौमाता प्रतिदिन अकाल मृत्यु का शिकार हो रही है।
नाथ ने कहा कि सरकार स्पष्ट करे कि प्रदेश के किस-किस ज़िले में कुल कितनी गौशालाएँ संचालित हो रही है, कौन-कौन संस्था इसे संचालित कर रही है, कितना गौवंश इन गौशालाओं में है, उन्हें इसके लिये कुल कितना अनुदान सरकार की तरफ़ से प्रतिवर्ष दिया जा रहा है ,इन गौशालाओं को लेकर सरकार के क्या इंतज़ाम है, इन गौशालाओं में गौमाता के स्वास्थ्य के परीक्षण को लेकर क्या इंतजाम है, नियमित देख रेख की क्या व्यवस्था है, कौन इसके लिये जवाबदेह है, चारे-भूसे व भरण-पोषण को लेकर क्या व्यवस्था है, क्या इंतज़ाम है?
यह बात भी सामने आयी है कि बैरसिया की इस गौशाला को भी पिछले कई वर्षों में लाखों का अनुदान दिया गया है, उस राशि को कहाँ खर्च किया गया, इसके बाद भी चारे के अभाव में, भूख से गायों की मौतें? क्या अनुदान की राशि व चारे की राशि में भी भ्रष्टाचार किया जा रहा है, चारे की राशि को भी डकारा जा रहा है?
नाथ ने कहा कि मैं सरकार से माँग करता हूँ कि प्रदेश भर में गौशालाओं को दिये जा रहे अनुदान की राशि की भी जाँच हो, गौशालाओं की मानीटरिंग की व्यवस्था हो, गायों का नियमित स्वास्थ्य परीक्षण हो, उनके भरण पोषण व भूसे-चारे की गौशालाओं में पूर्ण व्यवस्था हो, ताकि भूख से किसी भी गाय की मौत ना हो।
साथ ही मैं सरकार से यह माँग भी करता हूँ कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए तत्काल सभी आवश्यक कदम उठाये जावे, जवाबदेही तय हो, जो इस तरह की घटनाओं के दोषी है, उन पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही हो। मैं गौभक्तों से भी अपील करता हूँ कि इस तरह की घटनाओं पर चुप ना रहे, गौवंश की सुरक्षा के लिये मुखरता से ऐसी घटनाओं का विरोध करे।
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