अहमदाबाद: गुजरात (Gujarat) में आपत्तिजनक पोस्ट को लेकर हुई एक युवक की हत्या (Murder) के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आतंकवाद निरोधक दस्ते (ATS) का कहना है कि गिरफ्तार तीन आरोपियों ने पूछताछ में बताया है कि वो जहरीले भाषणों के लिए कुख्यात पाकिस्तान के मौलाना खादिम रिजवी (Maulana Khadim Rizvi) से प्रभावित थे और इसी वजह से उन्होंने हत्याकांड को अंजाम दिया. ATS ने बताया कि धंधुका शहर की इस वारदात के आरोपी मौलाना के नफरत फैलाने वाले वीडियो देखते थे. ऐसे में जब उन्हें आपत्तिजनक पोस्ट के बारे में पता चला तो तीनों बौखला गए और हत्याकांड को अंजाम दे डाला.
दिल्ली के मौलाना भी उकसा रहे थे
मौलाना खादिम रिजवी (Maulana Khadim Rizvi) पाकिस्तान (Pakistan) के मुस्लिम कट्टरपंथी गुट तहरीक-ए-लब्बैक का मुखिया था. रिजवी की नवंबर 2020 में कथित रूप से ISI के इशारे पर हत्या कर दी गई थी. ATS ने अनुसार, धंधुका हत्याकांड के आरोपियों ने स्वीकार किया है कि वे पाकिस्तानी मौलाना के नफरती वीडियो से भ्रमित हो गए थे. यही नहीं दिल्ली के भी दो मौलाना उन्हें इस पाकिस्तानी मौलाना के वीडियो देखने के लिए उकसा रहे थे.
Lone-Wolf Attacks की ली थी ट्रेनिंग
आरोपियों से पूछताछ के आधार पर गुजरात एटीएस ने एक मौलाना को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया है. एटीएस ने कहा कि इन युवकों को अकेले ही हमला करने के लिए (Lone-Wolf Attacks) तैयार किया गया था. उन्हें लगातार कट्टरपंथी विचार सुनाए-दिखाए जा रहे थे. उनसे पाकिस्तानी मौलाना रिजवी के वीडियो देखने के लिए कहा जा रहा था. गौरतलब है कि किशन भरवाड़ नामक युवक ने इंटरनेट मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया था, जिसमें मुस्लिम समाज को लेकर विवादित बातों का उल्लेख था. इसके बाद उसकी हत्या कर दी गई थी.
Imran के लिए सिरदर्द बना संगठन
रिजवी ने पाकिस्तान के कट्टरपंथी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (TLP) की स्थापना की थी. ये संगठन पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के लिए परेशानी बन गया है. पिछले दिनों संगठन ने रावलपिंडी और इस्लामाबाद को घेर लिया था. कहा जाता है कि ईशनिंदा कानून के नाम पर पाकिस्तानी समाज में जहर बोने वाले रिजवी की ISI के इशारे पर हत्या की गई थी. हालांकि, इमरान सरकार का कहना है कि रिजवी की कोरोना वायरस से मौत हुई है. फ्रांस के राष्ट्रपति के इस्लाम को लेकर दिए बयान के बाद मौलाना ने फ्रांसीसी सामानों के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया था.
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