नई दिल्ली. अल्फा, डेल्टा और ओमिक्रॉन (Delta and Omicron) जैसे ग्रीक भाषा के कई शब्दों ने कोविड-19 के चलते अचानक से हमारी जिंदगी में एंट्री ले ली है. 2019 में चीन में मिला SARS-CoV-2 बीते दो सालों से पूरी दुनिया के लिए मुसीबत बना हुआ है. कोविड (covid) लोगों को एक डर के साथ जीने के लिए छोड़ देता है. महामारी को बढ़ावा देने वाले हर नए वैरिएंट का लोगों के मन में खौफ रहता है, जो सामान्य जीवन को प्रभावित करते हैं और मौत का कारण बनते हैं. ओमिक्रॉन के बीच NeoCoV की दस्तक से भी लोग ये डर महसूस कर रहे हैं.
NeoCoV इस हफ्ते कुछ ज्यादा ही सुर्खियों में है. गूगल के मुताबिक, शुक्रवार 28 जनवरी तक भारत में यह 5 लाख सर्चिस के साथ टॉप पर रहा है. इस नए शब्द ने लोगों को अचानक से चिंता में डाल दिया है. NeoCoV कोरोना वायरस का कोई नया वैरिएंट नहीं है. इसकी तमाम बातें एक पीयर रिव्यू स्टडी का हिस्सा हैं जिसे चीनी वैज्ञानिकों के एक समूह ने जारी किया है और इसमें कुछ एक्सपर्ट वुहान यूनिवर्सिटी के भी हैं. हालांकि NeoCoV को लेकर लोगों को इतनी जल्दी घबराने की जरूरत नहीं है. आइए आपको बताते हैं कि आखिर क्यों एक्सपर्ट इसे एक बड़ी चिंता का विषय नहीं मानते हैं.
क्या है NeoCoV?
NeoCoV शब्द का इस्तेमाल वायरस के एक वैरिएंट के रूप में हो रहा है जो MERS-CoV से जुड़ा है. MERS-CoV कोरोना वायरस के बड़े परिवार से संबंधित है और ये उन सात कोरोना वायरस में से एक है जो इंसान को संक्रमित (infected) कर सकता है. 2010 के दशक में MERS-CoV सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और दक्षिण कोरिया में बड़े संकट की वजह बन चुका है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, MERS-CoV इंफेक्शन की चपेट में आए तकरीबन 35 प्रतिशत लोगों की मौत हो चुकी है. NeoCoV इस विशेष कोरोना वायरस का ही एक संभावित वैरिएंट है.
NeoCov is all over the news. Some facts, before we panic.
This “not so new virus” was identified around 2013 in bats in S Africa, while looking for ancestors of the MERS CoV.
Note: This virus has not infected man, and has not killed anyone.https://t.co/A6y73xWg9x
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— Rajeev Jayadevan (@RajeevJayadevan) January 28, 2022
क्या कहता है कि NeoCoV के रिसर्च पेपर?
NeoCoV को संक्षिप्त में समझें तो यह अभी तक खोजा गया MERS-CoV का निकटतम रिश्तेदार है जो चमगादड़ में पाया जाता है. NeoCoV संक्रमित करने के लिए कुछ प्रकार के बैट ACE2 (एक प्रकार की कोशिकाएं जिसे बायोलॉजी में रिसेप्टर्स कहा जाता है) का उपयोग कर सकता है. NeoCoV T510F म्यूटेशन के बाद मानव कोशिका ACE2 को संक्रमित कर सकता है.
क्यों चिंता करने की जरूरत नहीं है?
रिसर्च पेपर में बताई गई बातों के अनुसार, NeoCoV जो कि अब तक केवल चमगादड़ में ही पाया गया है, एक विशेष प्रकार के म्यूटेशन के बाद ही मानव कोशिकाओं को संक्रमित कर सकता है. इसमें बहुत सारी परिकल्पनाएं हैं, जो लैबोरेटरी स्टडी पर आधारित है और जिसकी समीक्षा अभी बाकी है. यह एक जरूरी प्रक्रिया है जिसमें बाहरी एक्सपर्ट स्टडी के शोधकर्ताओं के निष्कर्ष और विधि का विश्लेषण करते हैं. NeoCoV मानव कोशिका को संक्रमित कर सकता है, ये फिलहाल जांच के दायरे में है. इसलिए हमें इतनी जल्दी चिंता करने की जरूरत नहीं है.
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