भोपाल: कोरोना की तीसरी लहर के चलते देश के कई राज्यों में स्कूल बंद हैं. इसी बीच कोरोना के मामलों में कमी को देखते हुए हरियाणा, राजस्थान सरकार ने 1 फरवरी से 10वीं-12वीं कक्षा के लिए स्कूलों को खोलने का फैसला किया है.
वहीं, मध्य प्रदेश में भी 31 जनवरी के बाद एक बार फिर स्कूल खुल सकते हैं. इस बात का संकेत प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिया है. शिवराज ने शुक्रवार को कहा कि कोरोना का पीक गुजर गया है, स्कूलों को खोलने पर 30 और 31 तारीख को होने वाली मीटिंग में इसपर चर्चा करेंगे.
सीएम ने कहा, ऐसा लगता है कि कोरोना मामलों का पीक गुजर गया है. मैं इस बारे में बहुत बेफिक्र तो नहीं हूं, मगर मेरी राय यही बन रही है कि पीक चला गया. केस लगातार कम होने लगे हैं. इस मामले में विस्तृत समीक्षा 30 और 31 तारीख की बैठक में ही करूंगा.” शिवराज ने कहा कि केंद्र सरकार से राय लेने और विशेषज्ञों से जानकारी लेने के बाद ही कोई कदम उठाए जाएंगे.
शिवराज सिंह ने कहा कि बच्चों को नि:शुल्क किताबें और बेटी दूसरे गांव पढ़ने जायेगी तो साइकिल भी दी जाएगी. शिवराज ने कहा, “बिटिया कॉलेज की पढ़ाई के लिए 5 हजार रुपये और पायेगी, लाडली लक्ष्मी बेटी हुई, तो कॉलेज जाने पर 25 हजार रुपये और दिये जायेंगे.”
शिवराज ने दावा किया की टीकाकरण का असर होने की वजह से इस बार प्रदेश में कोरोना की मारक क्षमता नहीं रही. बता दें इससे पहले मध्य प्रदेश के शिक्षा मंत्री इंदरसिंह परमार ने कहा था कि वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए स्कूल खोलने का निर्णय अभी नहीं लिया जा सकता है. परमार ने कहा था कि स्कूल खोलने का निर्णय कोरोना के प्रकोप पर निर्भर है.
अगर कोरोना का प्रभाव कम हो जाता है तो स्कूल खोल दिए जाएंगे और लेकिन वर्तमान जैसी स्थिति बनी रही या फिर इससे अधिक आंकड़ा बढ़ा तो फिर स्कूल नहीं खुलेंगे. उन्होंने कहा था कि 31 जनवरी को समीक्षा की जाएगी जिसके बाद अधिकृत निर्णय लिया जाएगा. शिक्षा मंत्री ने माना कि सरकारी स्कूलों के माध्यम से ऑनलाइन शिक्षा दी जाना पूरी तरह संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि वर्तमान परिस्थिति में स्कूल बंद है और ऐसे हालात में बिल्कुल शिक्षा नहीं देने से ऑनलाइन शिक्षा अच्छा विकल्प है.
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