काठमांडो। स्थानीय चुनावों के समय का मुद्दा नेपाल की शेर बहादुर देउबा सरकार के लिए गले की हड्डी बन गया है। यह खबर आने के एक दिन बाद कि प्रधानमंत्री देउबा ने चुनाव टालने के लिए संबंधित कानून में संशोधन का मन बना लिया है, राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने उनकी मुश्किल बढ़ा दी। गुरुवार को राष्ट्रपति ने सलाह दी कि स्थानीय चुनाव तय समय पर ही कराए जाएं।
राष्ट्रपति ने इस मामले में सरकार की राय जानने के लिए प्रधानमंत्री को तलब किया था। राष्ट्रपति भंडारी और प्रधानमंत्री देउबा की मुलाकात के बाद राष्ट्रपति के निजी सचिव ने एक अखबार से कहा- ‘राष्ट्रपति ने संविधान की भावना के मुताबिक समय पर चुनाव कराने की जरूरत बताई। इस पर प्रधानमंत्री ने कहा कि वे दूसरे दलों से राय-मशविरा करने के बाद इस बारे में फैसला लेंगे।’
देउबा पर भारी दबाव
इस मुलाकात के के बाद ही ये खबर आई कि सत्ताधारी नेपाली कांग्रेस पार्टी ने अपनी केंद्रीय कार्यसमिति की बैठक बुलाई है। बताया जाता है कि स्थानीय चुनावों के समय के मुद्दे पर प्रधानमंत्री पर दूसरे हलकों से भी भारी दबाव है। एक तरफ नेपाली कांग्रेस का एक धड़ा और मुख्य विपक्षी दल- कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (यूएमएल) समय पर चुनाव कराने की वकालत कर रहे हैं, वहीं सत्ताधारी गठबंधन में शामिल दो कम्युनिस्ट पार्टियां- माओइस्ट सेंटर और यूनिफाइड सोशलिस्ट चुनाव टालने के लिए दबाव बनाए हुई हैं।
ये मामला माओइस्ट सेंटर पार्टी के अध्यक्ष पुष्प कमल दहल की इस सार्वजनिक मांग के बाद और गरमा गया कि स्थानीय चुनावों को अभी टाल दिया जाए और उनकी जगह पर अप्रैल-मई में संसदीय चुनाव कराए जाएं। नेपाली कांग्रेस ने अभी तक इस मामले में अपना रुख सार्वजनिक नहीं किया है। लेकिन खबर है कि प्रधानमंत्री देउबा माओइस्ट सेंटर की राय से सहमत हो गए हैं। देउबा अगले चुनावों में भी मौजूदा पांच दलों के सत्ताधारी गठबंधन को बनाए रखना चाहते हैं। इसलिए वे गठबंधन में शामिल दहल और माधव कुमार नेपाल के नेतृत्व वाली दोनों कम्युनिस्ट पार्टियों की राय तरजीह दे रहे हैं।
आयोग ने की दो चरणों में चुनाव कराने की सिफारिश
नेपाल के निर्वाचन आयोग ने आगामी 27 अप्रैल को 753 स्थानीय निकायों का चुनाव कराने का इरादा जताया है। उसने कहा है कि अगर सरकार चाहे, तो इन चुनावों को दो चरणों में- 27 अप्रैल और पांच मई को कराया जा सकता है। नेपाली कांग्रेस का एक धड़ा निर्वाचन आयोग की इस योजना का पुरजोर समर्थन कर रहा है। पार्टी के उप महासचिव जीवन परियार ने अखबार काठमांडू पोस्ट से कहा- ‘मैं स्थानीय चुनावों को अप्रैल-मई में कराने का समर्थक हूं। मैं पार्टी नेतृत्व से मांग करूंगा कि वह निर्वाचन आयोग की योजना का पालन करे।’
प्रधानमंत्री देउबा के निकट सूत्रों ने मीडिया से कहा है कि प्रधानमंत्री भी निर्वाचन आयोग की योजना के मुताबिक चलना चाहते हैं। लेकिन वे दोनों कम्युनिस्ट पार्टियों के गहरे दबाव में हैं। देउबा के करीबी माने जाने वाले नेता और नेपाली कांग्रेस की केंद्रीय कार्यसमिति के सदस्य रमेश लेखक ने कहा है- ‘मैं अप्रैल-मई में चुनाव चाहता हूं। जहां तक मेरी जानकारी है, प्रधानमंत्री भी यही चाहते हैं। लेकिन वे गठबंधन में शामिल सहयोगी दलों के दबाव में हैं।’
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