इंदौर। अभी पिछले दिनों शिवराज सरकार (Shivraj Sarkar) ने मध्यप्रदेश राज्य परिसम्पत्ति प्रबंधन कम्पनी का गठन किया है। अभी तक मध्यप्रदेश सडक़ विकास निगम (MP Road Development Corporation) के माध्यम से सरकारी सम्पत्तियों का प्रबंधन किया जा रहा था और अनुपयोगी सम्पत्तियों की नीलामी भी करवाई जा रही है। मगर अब नई कम्पनी गठित करने की अधिसूचना शासन ने कल जारी कर दी और एक हजार करोड़ की शेयर पूंजी इस कम्पनी की रहेगी और 100 फीसदी अंशदान राज्य शासन द्वारा ही वहन किया जाएगा। प्रदेश के साथ-साथ बाहरी राज्यों में मौजूद सम्पत्तियों की खोज और उनकी नीलामी की जिम्मेदारी अब इस कम्पनी पर ही रहेगी।
गजट नोटिफिकेशन (gazette notification) के जरिए मध्यप्रदेश राज्य परिसम्पत्ति कम्पनी के संचालक मंडल का भी गठन कर दिया, जिसके अध्यक्ष मुख्यमंत्री और उपाध्यक्ष मुख्य सचिव रहेंगे। वहीं वित्त लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन, पीडब्ल्यूडी, राजस्व, वाणिज्यकर और नगरीय प्रशासन तथा विकास विभाग के प्रमुख सचिव भी कम्पनी में शामिल रहेंगे और प्रबंध संचालक मध्यप्रदेश राज्य परिसम्पत्ति प्रबंधन को सदस्य सचिव बनाया गया है।
लोक परिसम्पत्तियों का युक्तियुक्त प्रबंधन, अंतरविभागीय समन्वय, राज्य और सार्वजनिक उपक्रम की परिसम्पत्तियों का समुचित उपयोग, उसके लिए मानव संसाधन (human resource) तैयार करना, सूचना प्रौद्योगिकी एवं भौगोलिक सूचना-तंत्र (geographic information system) के माध्यम से राज्य के भीतर और बाहर मौजूद सभी सम्पत्तियों का रिकार्ड तैयार करना, मूल्य बढ़ाने के लिए जरूरी विकास कार्य, ताकि उससे सम्पत्तियों का बेहतर प्रबंधन हो सके और नीलामी (auction) के वक्त अधिक से अधिक बाजार दर प्राप्त हो सके। पिछले दिनों 377 सम्पत्तियों का खुलासा हुआ, जिसमें से कई सम्पत्तियों को ऑनलाइन नीलाम भी किया जा रहा है।
अभी तक 30 सम्पत्तियों की नीलामी से 150 करोड़ रुपए की राशि शासन को मिली है। अभी तक मध्यप्रदेश सडक़ विकास निगम के जरिए इन अचल सम्पत्तियों की नीलामी की प्रक्रिया की जा रही है। मगर अब नई कम्पनी के गठन के बाद निगम का काम कम हो जाएगा। दरअसल, उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ में भी राज्य की सम्पत्ति मौजूद है, उन्हें भी अब नीलाम किया जाएगा। केरल में एक फार्म हाउस भी राज्य शासन का है, वहीं रोडवेज की सम्पत्तियों को भी इसमें लिया गया है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved