नई दिल्ली: तेजी से लोकप्रियता हासिल कर रही क्रिप्टोकरेंसी में मनी लॉन्ड्रिंग (Cryptocurrency Money Laundering) के मामले भी बढ़ते जा रहे हैं. ब्लॉकचेन एनालिसिस फर्म चेनालिसिस (Chainalysis) की एक रिपोर्ट के मुताबिक साइबर अपराधियों ने साल 2021 में 8.6 अरब डॉलर की क्रिप्टोकरेंसीज की लॉन्ड्रिंग की. मनी लॉन्ड्रिंग की यह रकम साल 2020 की तुलना में 30 फीसदी ज्यादा है.
रिपोर्ट में अनुमान लगाया है कि साल 2017 से अभी तक साइबर अपराधी कुल 33 अरब डॉलर की क्रिप्टो की लॉन्ड्रिंग कर चुके हैं, जिसमें से ज्यादातर ने सेंट्रलाइज्ड एक्सचेंज की ओर रुख किया है. चेनालिसिस ने कहा कि बीते साल मुकदमेबाजी और गैरकानूनी क्रिप्टो एक्टिविटी दोनों में खासी बढ़ोतरी को देखते हुए 2021 में मनी लॉन्ड्रिंग में भारी बढ़ोतरी आश्चर्यजनक नहीं है.
डिसेंट्रलाइज्ड फाइनेंस एप्लीकेशंस में गया 17 फीसदी रकम
चेनालिसिस ने कहा कि 8.6 अरब डॉलर की मनी लॉन्ड्रिंग में से लगभग 17 फीसदी डिसेंट्रलाइज्ड फाइनेंस एप्लीकेशंस में गया. यह सेक्टर पारंपरिक बैंकों से बाहर डिनोमिनेटेड फाइनेंशियल ट्रांजैक्शंस की सुविधा उपलब्ध कराता है. यह 2020 की तुलना में 2 फीसदी ज्यादा है.
गलत पतों से आने वाली वैल्यू खासी बढ़ी
चेनालिसिस की रिपोर्ट के मुताबिक, माइनिंग पूल्स, हाई-रिस्क एक्सचेंजेस और मिक्सर्स में भी अवैध पतों से आने वाली वैल्यू में खासी बढ़ोतरी दर्ज की गई. मिक्सर्स में आम तौर पर संभावित पहचान योग्य या दागी क्रिप्टोकरंसी फंड्स को दूसरों के साथ जोड़ते हैं, जिससे फंड के मूल स्रोत को छिपाया जा सके.
क्या होता है मनी लॉन्ड्रिंग
मनी लॉन्ड्रिंग का मतलब उस प्रक्रिया से है जिसमें अवैध रूप से कमाए गए धन को कानूनी बिजनेस में ट्रांसफर किया जाता है.
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