इस्लामाबाद। कश्मीरी आतंकवादियों को पालने वाले पाकिस्तान ने ‘उल्टा चोर कोतवाल को डांटने’ की कहावत को चरितार्थ करते हुए एक बार फिर से भारत के खिलाफ जहर उगला है। संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के राजदूत मुनीर अकरम ने आरोप लगाया कि भारत ने साल 1989 से लेकर अब तक 96 हजार कश्मीरियों की जान ली है। उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि भगवा पार्टी से जुड़े अतिवादी हिंदू समूह खुलेआम भारत में मुस्लिमों के नरसंहार की बात कह रहे हैं। पाकिस्तान के इस झूठ पर भारत ने ओसामा बिन लादेन का जिक्र करते हुए करारा जवाब दिया।
भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान की बखिया उधेड़ कर रख दी। भारत के राजनयिक मधु सूदन ने कहा कि पाकिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ओर से आतंकी घोषित किए गए सबसे ज्यादा आतंकवादी रहे हैं। भारत ने इस्लामाबाद की पोल खोलते हुए यह भी कहा कि पाकिस्तान के पीएम इमरान खान और विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने ओसामा बिन लादेन समेत अन्य आतंकियों का समर्थन किया है।
‘तहरीक-ए-तालिबान को भारतीय खुफिया एजेंसियों से मदद मिल रही’
भारत ने एक बार से साफ किया कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का पूरा इलाका भारत का अभिन्न हिस्सा है और आगे भी रहेगा। इससे पहले पाकिस्तान ने सुरक्षा परिषद से मांग की थी कि कश्मीर में जारी कथित अत्याचार पर ध्यान दे और उन भारतीय अधिकारियों और नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करे जो इसके लिए जिम्मेदार हैं। अफगानिस्तान से लेकर पीओके तक आतंकियों को पालने वाले पाकिस्तान ने दावा किया कि भारत दक्षिण एशिया में आतंकवाद का गढ़ बन गया है।
पाकिस्तान ने यह भी दावा किया कि उसके कबायली इलाके में सक्रिय तहरीक-ए-तालिबान को भारतीय खुफिया एजेंसियों से मदद मिल रही है। इससे पहले कश्मीर में हर तरह से मुंह खा चुके पाकिस्तान ने भारत को फंसाने के लिए एक और चाल चली थी। ब्रिटेन की राजधानी लंदन में तुर्की से जुड़ी एक लॉ फर्म (Stoke White) ने पिछले दिनों कश्मीर में कथित युद्धापराध के लिए भारतीय गृहमंत्री अमित शाह और सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे की गिरफ्तारी की मांग की है। यही नहीं उसने कथित रूप से कश्मीर में रह रहे 2 हजार लोगों के बयान वाली रिपोर्ट को भी लंदन पुलिस को सौंपा है। उसका दावा है कि यह भारत की ओर से कश्मीर में किए जा रहे ‘युद्धापराध’ और ‘हिंसा’ का सबूत है।
तुर्की-पाकिस्तान ने रची है भारत के खिलाफ बड़ी साजिश
उधर, भारतीय अधिकारियों का मानना है कि यह पाकिस्तान समर्थित प्रोपेगैंडा है। भारतीय सेना, मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ की गई शिकायत को लंदन पुलिस के युद्धापराध की जांच करने वाली यूनिट को भी दिया गया है। लॉ फर्म ने लंदन पुलिस से कश्मीर में कथित भारतीय अपराधों की जांच करने की मांग की है। इस बीच एक भारतीय सूत्र ने कहा है कि यह लॉ फर्म तुर्की के अधिकारियों से जुड़ी हुई है और पाकिस्तान की ओर से काम कर रही है।
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