नई दिल्ली । दिल्ली (Delhi) सहित देश के चार बड़े महानगरों में कोरोना लहर (corona wave) का पीक निकल गया है। जबकि, कुछ इलाकों में संक्रमण (Infection) अभी भी तेजी के साथ आगे बढ़ रहा है। ऐसे में देश के स्वास्थ्य विशेषज्ञ (health specialist) जन स्वास्थ्य के लिहाज से इस उतार चढ़ाव को शुभ संकेत नहीं मान रहे हैं। इनका कहना है कि जितने लंबे समय तक लहर टिकेगी, इसकी वापसी की आशंका उतना ही कम होगी।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के पूर्व अध्यक्ष डॉ. राजीव जयदेवन ने कहा कि सरकारी दावे और आंकड़ों के आधार पर कुछ नहीं कहा जा सकता है, लेकिन वैज्ञानिक तौर पर देखें तो संक्रमण में जल्द ठहराव आना सही नहीं है। अगर लंबे समय तक लहर टिकती है, तो वह आबादी के एक बड़े हिस्से को अपनी चपेट में लेकर उनमें प्रतिरक्षा विकसित करती है।
ऐसा होने के बाद फिर से उस लहर का आना मुश्किल हो जाता है। अगर दोबारा से संक्रमण के मामले बढ़ते भी हैं, तो पहले जैसा उसका असर नहीं रहने की संभावना अधिक रहती है। वर्तमान स्थिति इससे बिलकुल अलग है। डॉ. जयदेवन का कहना है कि अभी जितनी तेजी से लहर बढ़ी है, उतनी ही तेज गिरावट भी आ रही है।
दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई इसके बड़े उदाहरण हैं। यहां फिर से नई लहर आने की आशंका भी बढ़ रही है क्योंकि कोविड सतर्कता नियमों को लेकर जमीनी स्तर पर लापरवाही भी काफी देखने को मिल रही है।
संक्रमण दर में गिरावट ही तो नहीं नई लहर का संकेत
ओमिक्रॉन का कम लोगों में गंभीर असर
कोरोना का मुआवजा हक, इसमें देर न हो : हाईकोर्ट
बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा है कि मुआवजा कोरोना से मरने वालों के परिजनों का हक है। उन्हें इससे वंचित नहीं किया जा सकता। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने महाराष्ट्र सरकार से कहा कि डाक या व्यक्तिगत तौर पर दायर मुआवजा देने में देरी नहीं होनी चाहिए। एक जनहित याचिका में अनुरोध किया गया है कि कोर्ट सरकार को ऑनलाइन आवेदन देने के लिए मजबूर न करने का निर्देश दे।
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