नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Coronavirus) के आए दिन नए वेरिएंट्स दुनियाभर के लिए मुसीबत का सबब बने हुए हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के प्रमुख ने आशंका जताई है कि भविष्य में और भी कोविड वेरिएंट्स (Covid-19 New Variants) सामने आ सकते हैं.
उन्होंने कहा है कि वैश्विक स्थिति इस समय ऐसी है, जो नए वेरिएंट्स को जन्म दे सकती है. डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम गेब्रेयसस (Tedros Adhanom Ghebreyesus) ने सोमवार को कहा कि पूरी दुनिया में अभी जैसी परिस्थितियां हैं, वो ज्यादा से ज्यादा नए वेरिएंट्स को जन्म देने में सक्षम है.
WHO चीफ ने कहा कि ओमिक्रॉन के सामने आने के बाद से दुनियाभर में 8 करोड़ से ज्यादा केस आ चुके हैं. यह पूरे 2020 में आए मामलों से भी ज्यादा है. उन्होंने यह भी कहा कि यह आखिरी कोविड-19 वेरिएंट नहीं है और इस महामारी से जुड़े और भी नए वेरिएंट्स भविष्य में आते रहेंगे. हालांकि टेड्रोस अदनोम गेब्रेयसस ने भरोसा जताया कि अगर वैश्विक स्वास्थ्य एजेंसी और तमाम देश मिलकर सही रणनीति के साथ आगे बढ़ें तो इस महामारी का खतरा इस साल में ही खत्म हो सकता है.
70 फीसदी को वैक्सीनेशन जरूरी
वैश्विक स्वास्थ्य एजेंसी के प्रमुख ने कहा कि इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए सभी देशों को कम से कम अपनी 70 फीसदी आबादी को वैक्सीनेट करना होगा. खासतौर से हाई प्राइरिटी ग्रुप्स को पहले वैक्सीनेट करना होगा, जिनमें बुजुर्ग, स्वास्थ्यकर्मी और बीमार लोग शामिल हैं. टेड्रोस अदनोम गेब्रेयसस ने कहा कि सभी देशों को कोविड-19 टेस्टिंग को बढ़ाना होगा.
भविष्य में आने वाले नए वेरिएंट्स को तलाशना होगा, उनका समाधान ढूंढना होगा. उन्होंने कहा कि हम परेशानियों के खत्म होने के इंतजार में नहीं बैठ सकते. WHO चीफ ने रायटर्स से कहा, ‘इस वैश्विक महामारी को खत्म करने के लिए हम सभी को मिलकर काम करना होगा. हम लापरवाही और घबराहट के साथ इसे ऐसे ही नहीं छोड़ सकते.’ WHO की एक्सीक्यूटिव बोर्ड मीटिंग के 150वें सत्र में उन्होंने यह बातें कहीं.
सभी को नहीं होगा ओमिक्रॉन
डब्ल्यूएचओ ने इससे पहले यह भी कहा था कि ओमिक्रॉन को हल्के में लेने की भूल न करें. विश्व स्वास्थ्य संगठन की टेक्निकल लीड मारिया वान केरखोव ने कहा कि ओमिक्रॉन बहुत तेजी से फैल रहा है और तेजी से फैलने के मामले में ओमिक्रॉन दूसरे वेरिएंट की जगह ले रहा है. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि इसका मतलब ये नहीं है कि सभी ओमिक्रॉन होगा.
वैक्सीन नहीं लगवाने के लिए खतरा ज्यादा
डब्ल्यूएचओ अधिकारी ने यह भी कहा कि ओमिक्रॉन डेल्टा के मुकाबले कम खतरनाक है. फिर भी लोगों में इस बीमारी का असर दिख रहा है. कई लोगों की मौत भी हो रही है. जिन लोगों की उम्र ज्यादा है. वैक्सीन नहीं लगवाई है या गंभीर बीमारी से ग्रस्त हैं, उनकी हालत ओमिक्रॉन की वजह से ज्यादा गंभीर हो रही है.
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