नई दिल्ली। भारतीय टीम जब साउथ अफ्रीका के दौरे पर गई थी तो टीम को टेस्ट और वनडे सीरीज में पसंदीदा माना जा रहा था। यहां तक कि भारत की टीम पहला टेस्ट मैच जीतने में सफल रही थी, लेकिन इसके बाद जो हुआ वो किसी ने नहीं सोचा था। खासकर केएल राहुल कभी नहीं चाहेंगे कि उनके करियर में कभी ऐसा समय आए, क्योंकि कप्तान के तौर पर उन्होंने यहां एक टेस्ट और तीन वनडे इंटरनेशनल मैच हारे और भारतीय क्रिकेट के इतिहास में 1960 के बाद ऐसा पहली बार है, जब कोई कप्तान अपने करियर के पहले चार मैच हारा है।
दरअसल, दूसरे टेस्ट मैच में कप्तान विराट कोहली माइनर इंजरी के कारण उपलब्ध नहीं थे। इस सीरीज के लिए उपकप्तान नियुक्त किए गए रोहित शर्मा सीरीज से पहले ही बाहर हो गए थे। ऐसे में केएल राहुल को उपकप्तान नियुक्त किया गया था, क्योंकि अजिंक्य रहाणे से भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी बीसीसीआई ने उपकप्तानी छीन ली थी। यही कारण था कि दूसरे टेस्ट में केएल राहुल कप्तान थे, जिसमें टीम इंडिया को हार मिली।
इसके बाद अगले टेस्ट मैच में विराट कोहली की वापसी हो गई, लेकिन टीम मुकाबला हार गई। वनडे सीरीज के लिए कप्तान केएल राहुल थे, क्योंकि विराट कोहली से कप्तानी छीनकर रोहित शर्मा को दी गई, लेकिन रोहित चोट के कारण इस दौरे पर नहीं जा सके। ऐसे में केएल राहुल ने वनडे इंटरनेशनल टीम की कमान संभाली और एक के बाद एक लगातार तीन मैच हार गए और उनके नाम कप्तान के तौर पर एक शर्मनाक रिकॉर्ड दर्ज हो गया।
1960 के बाद भारत के लिए फुल-टाइम और पार्ट-टाइम में कई कप्तानों ने टीम का नेतृत्व किया, लेकिन एक भी बार ऐसा नहीं हुआ, जब टीम को लगातार चार मैचों में हार मिली है। हालांकि, 62 साल में ऐसा अब पहली बार हो गया है, जब एक कप्तान के तौर पर कोई खिलाड़ी फेल रहा है। वैसे भी कप्तान के तौर पर केएल राहुल के आंकड़े के आंकड़े उतने खास नहीं हैं। इससे पहले वे दो बार आईपीएल में पंजाब किंग्स के कप्तान रहे हैं और दोनों बार टीम प्लेऑफ के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाई है।
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