नई दिल्ली। सरकार अगले महीने पेश होने वाले आम बजट में करदाताओं को टैक्स के मोर्चे पर राहत दे सकती है। महामारी की वजह से वर्क फ्रॉम होम कर रहे नौकरीपेशा को टैक्स छूट के साथ कई अन्य लाभ भी मिलने की उम्मीद है। उद्योग जगत का कहना है कि घर से काम करने की वजह से नौकरीपेशा का इंटरनेट, बिजली बिल और फर्नीचर आदि का खर्च बढ़ गया है। बजट में इसका ध्यान रखा जाना चाहिए।
इस बीच, केपीएमजी इंडिया के एक सर्वे में लोगों ने टैक्स छूट की सीमा बढ़ाने की मांग की है। सर्वे में शामिल 64 फीसदी लोगों का कहना है कि 2022-23 के आम बजट में आयकर छूट की सीमा को 2.50 लाख रुपये से बढ़ाया जा सकता है। 36 फीसदी लोगों का मानना है कि एक फरवरी, 2022 को पेश होने वाले बजट में सरकार आयकर कानून की धारा 80सी के तहत कटौती की सीमा को 1.50 लाख रुपये से बढ़ा सकती है।
स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा बढ़ाने की मांग
सर्वे के मुताबिक, 19% ने कहा कि वेतनभोगियों के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन की मौजूदा सीमा को 50,000 रुपये से बढ़ाया जा सकता है। 16% उत्तरदाताओं का कहना है कि इस बजट में वेतनभोगियों के लिए घर से काम करने की व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए कर मुक्त भत्ता/अन्य लाभ दिया जा सकता है। इसमें इंटरनेट कनेक्शन, फर्नीचर और ईयरफोन के लिए प्रावधान किए जाने की उम्मीद है। सर्वे वित्तीय पेशेवरों से बातचीत पर आधारित है।
कॉरपोरेट टैक्स में अंतर घटाए सरकार
सर्वे के मुताबिक, विदेशी और भारतीय कंपनियों के लिए लागू कॉरपोरेट टैक्स की दर के बीच अंतर बढ़ गया है। सरकार ने 2019-20 से घरेलू कंपनियों के लिए कॉरपोरेट टैक्स को 22% से बढ़ाकर 30% कर दिया था। वर्तमान में विदेशी कंपनियों की भारतीय शाखाओं पर 40% टैक्स लगता है। उत्तरदाताओं ने कहा, 2019 में टैक्स कटौती के बाद भारतीय शाखाओं के लिए लागू दर घटाने की जरूरत है। इससे भारत को बेहतर निवेश क्षेत्र बने रहने में मदद मिलेगी।
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