नई दिल्ली। चाणक्य नीति (Chanakya Niti) कहती है कि व्यक्ति के जीवन (Life) में हर तरह का उतार चढ़ाव देखने को मिलता है कभी अच्छा भी होता है तो कभी बुरा का भी सामना करना है। महान कूटनीतिज्ञ, अर्थशास्त्री और राजनीति (Diplomat, Economist and Politics) के ज्ञाता आचार्य चाणक्य (Chanakya Niti) ने भी अपनी जिंदगी में भी बेहद मुश्किल समय देखा। उन्होंने कम उम्र में ही वेद और पुराणों का ज्ञान लिया। उन्होंने अपनी कुशल राजनैतिक रणनीति के चलते सामान्य से बालक को चंद्रगुप्त मौर्य सम्राट बना दिया। वे आर्थशास्त्र, रणनीति के कुशल ज्ञाते थे। उन्होंने अपने जीवन काल में कई सारे ग्रंथों को लिखा हैं, लेकिन आज भी लोग उनकी नीतिशास्त्र को पढ़ना पसंद करते हैं।
महान कूटनीतिज्ञ, अर्थशास्त्री और राजनीति के ज्ञाता आचार्य चाणक्य ने भी अपनी जिंदगी में भी बेहद मुश्किल समय देखा. अपने अनुभवों और विद्वता को लेकर उन्होंने जो नीति शास्त्र लिखा है, वह आज भी बेहद प्रासंगिक है. उनकी बातें व्यक्ति को न केवल सुखमय, सफल जीवन देती हैं, बल्कि रिश्तों का भी गहरा ज्ञान देती हैं. आचार्य चाणक्य ने कुछ ऐसी स्थितियों के बारे में बताया है जिनमें अपने सगे रिश्ते भी दुश्मन बन सकते हैं!
- चाणक्य नीति में जिंदगी की कुछ ऐसी स्थितियों के बारे में बताया है, जब अपने ही दुश्मन बन जाते हैं. ऐसी स्थिति में व्यक्ति खुद को बंधा हुआ महसूस करता है वह चाहकर भी कुछ नहीं कर पाता है।
- मां के प्रेम को दुनिया में सबसे पवित्र और निश्छल प्रेम माना गया है. लेकिन जब मां ही अपनी संतान के बीच फर्क करने लगे और कोई नुकसान पहुंचा दे तो ऐसे मां ही अपनी संतान के लिए बड़ी दुश्मन बन जाती है।
- पिता अपने बच्चों के सिर पर छत की तरह होता है, जो उन्हें हर दुख-तकलीफ से बचाकर दुनियादारी सिखाता है. लेकिन जब पिता ढेर सारा कर्ज ले और उसे न चुकाए. उस कर्ज का बोझ उसके बेटे पर आ जाए तो ऐसा पिता अपनी संतान के लिए ही दुश्मन की तरह हो जाता है। कर्ज का बोझ बेटे की जिंदगी को दुश्वार बना देता है।
- शिक्षित, चरित्रवान, समझदार पत्नी जिसे मिले, वह पुरुष बेहद सौभाग्यशाली होता है लेकिन पत्नी यदि पर-पुरुष की ओर आकर्षित हो जाए तो ऐसी स्थिति में वह अपने पति-बच्चों और पूरे परिवार के लिए बदनामी का कारण बनती है. इन हालातों में परिवार बिखर सकता है।
- इसी तरह प्यार-सम्मान देने वाला चरित्रवान पति मिलना पत्नी के लिए सौभाग्य की बात होती है. लेकिन पति किसी नशे का शिकार हो जाए या दूसरी महिला से संबंध बना ले तो वह अपनी पत्नी के लिए शत्रुवत हो जाता है।
- चाणक्य के अनुसार, अगर किसी व्यक्ति के द्वारा कमाए गए पैसे दुश्मनों के हाथ चले जाते हैं तो उसे दोहरी मार पड़ती है। एक तो उसके पैसे जाते हैं और दूसरा दुश्मन द्वारा भी इस्तेमाल किया जाता है।
- आज्ञाकारी, शिक्षित, संस्कारी संतान अपने माता-पिता के लिए बेहद अनमोल होती है. वहीं जब संतान मूर्ख, बुरी संगत करने वाली, लत की शिकार हो जाए तो वह कई शत्रुओं से ज्यादा दुख देती है।
- अगर कोई व्यक्ति पैसों को खिजूल में खर्च करता है तो इसका अर्थ है उसके लिए पैसों का कोई महत्व नहीं है। इस प्रकार के व्यक्ति स्वभाव से झगड़ालू और घमंडी होते हैं। ये लोग किसी भी व्यक्ति की इज्जत नहीं करते हैं। इन लोगों का जब नाश होता है तो इन्हें भी समझ नहीं आता है।