बीजिंग । रूस (Russia) ने एंटी-सैटेलाइट मिसाइल परीक्षण (Anti-satellite missile test) से अपने ही एक सैटेलाइट (satellite) को 1500 टुकड़ों में बदल दिया था. इस कार्रवाई से उसे अंतरराष्ट्रीय समुदाय (International Community) की नाराजगी झेलनी पड़ रही है. अब चीन (China) अंतरिक्ष एजेंसी ने बताया कि रूस Russia के पुराने सैटेलाइट (Old Satellite) के मलबे से चीन की सैटेलाइट की टक्कर होते होते बची. इसके लिए चीन के वैज्ञानिकों ने कड़ी मशक्कत की और इस टक्कर को नाकाम किया. अंतरिक्ष के मलबों पर निगाह रखने वाली संस्था चाइना नेशनल स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (China National Space Administration) ने कहा कि इस मलबे से भविष्य में खतरा बना रहेगा.
चाइना नेशनल स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन ने कहा कि सिंघुआ साइंस सैटेलाइट, 14.5 मीटर लंबे अंतरिक्ष मलबे की टक्कर से बाल-बाल बची है. इस टक्कर से अंतरिक्ष में मौजूद दूसरी सैटेलाइटों को भी गंभीर खतरा पैदा हो सकता था. सरकारी मीडिया ने बताया कि नवंबर में रूस के एंटी-सैटेलाइट मिसाइल परीक्षण के नतीजे के बाद छोड़े गए मलबे के 1500 टुकड़ों में से एक की चीनी उपग्रह की निकट टक्कर हो सकती थी. मॉस्को ने नवंबर में एक मिसाइल परीक्षण में अपने पुराने उपग्रहों में से एक को उड़ा दिया था. इससे पृथ्वी की कक्षा के चारों ओर अंतरिक्ष मलबे बिखर गया था. इसके कारण अंतरराष्ट्रीय समुदाय उससे नाराज है. अमेरिकी अधिकारियों ने रूस पर खतरनाक और गैर-जिम्मेदार हमला करने का आरोप लगाया है.
रूस ने उन चिंताओं को खारिज कर दिया और इनकार किया कि अंतरिक्ष मलबे से कोई खतरा है लेकिन चीनी उपग्रह के साथ एक नई घटना कुछ और ही बताती है. सरकारी ग्लोबल टाइम्स ने भी बताया चीन का सिंघुआ विज्ञान उपग्रह मलबे के एक टुकड़े से 14.5 मीटर के करीब आया. यह ‘बेहद खतरनाक’ घटना मंगलवार को हुई थी.
अंतरिक्ष मलबे विशेषज्ञ लियू जिंग ने ग्लोबल टाइम्स को बताया कि मलबे और अंतरिक्ष यान दोनों बेहद करीब थे. इस बार टकराव की संभावना थी. कुछ देशों के पास एंटी-सैटेलाइट हथियार जैसी उच्च तकनीक वाली मिसाइलें हैं. इस कदम ने अंतरिक्ष में हथियारों की बढ़ती दौड़ के बारे में चिंता जताई है. इसमें लेजर हथियारों से लेकर उपग्रहों तक सब कुछ शामिल है जो दूसरों को कक्षा से बाहर धकेलने में सक्षम हैं.
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