इंदौर। भक्तों द्वारा दान की गई चांदी से खजराना गणेशजी (Khajrana Ganeshji) का लगभग 250 किलो वजनी भव्य रजत सिंहासन (Silver Throne) का फ्रंट का आधा हिस्सा कल शाम पांच बजे इंदौर आया। आज जयपुर (Jaipur) के कारीगर आकर भगवान गजानन को आधे फ्रंट के सिंहासन पर विराजित करेंगे। सिंहासन को जयपुर की कंपनी मेटा ज्वेल प्राइवेट लिमिटेड (Meta Jewel Pvt Ltd) द्वारा बनाया जा रहा है। इसे 8-10 टुकड़ों में तैयार किया गया है, जिसमें तांबे (copper) का भी उपयोग किया गया है।
पूरा सिंहासन बनाने के लिए 50 किलो चांदी की और पड़ेगी जरूरत
बताया जा रहा है कि सिंहासन का पूरा हिस्सा बनाने के लिए 50 किलो चांदी (silver) की और जरूरत पड़ेगी। वर्तमान में खजराना गणेश मंदिर(Khajrana Ganesh Mandir) प्रशासन के पास पहले से लगभग 25 किलो चांदी (silver) रखी है। इसके अलावा 25 किलो और चांदी की व्यवस्था कराई जाएगी। अगर दानदाताओं द्वारा सहयोग नहीं किया गया तो बाजार से खरीदकर जयपुर (Jaipur) भेजी जाएगी, ताकि जल्द से पूरा सिंहासन बनकर इंदौर आए।
भक्तों ने दान दी थी डेढ़ सौ किलो चांदी
भक्तों (devotees) द्वारा पिछले डेढ़ वर्ष के दौरान लगभग 180 किलो चांदी सिंहासन बनाने के लिए दान की गई थी, जिसमें कुछ भक्तों ने 21 किलो, 11 किलो और 5 किलो तक चांदी दान की है। वहीं 50-60 किलो चांदी (silver) खजराना गणेश मंदिर में जहां यह सिंहासन स्थापित किया जाएगा, उस स्थान से निकली थी, जिसे मिलाकर सिंहासन बनाया जा रहा है।
जयपुर के कलाकारों ने की खूबसूरत नक्काशी
सिंहासन में जयपुर (Jaipur) के कलाकारों (artists) ने खूबसूरत नक्काशी की है। सिंहासन के मुख्य भाग में कलश स्थापित किया गया है, जबकि आसपास मोर की आकृतियां उकेरी गई हैं। इसके अलावा झालर भी लगाई गई है। यह देखने में बड़ा आकर्षक लग रहा है। जब सिंहासन पूर्ण आकार लेगा और गणेशजी उस पर विराजेंगे तो दृश्य और भी ज्यादा अभिभूत करेगा।
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