नई दिल्ली। वैश्विक महामारी कोरोना का संक्रमण (global pandemic corona infection) किस कदर तवाही मचा रहा है यह हम सबके सामने हैं। इसी बीच देश में कोरोना वायरस (corona virus) के मामलों में कमी आने के साथ ही इस बात पर चर्चा शुरू हो गई है कि क्या संक्रमण (Infection) की गति धीमी पड़ रही है? ऐसे में एक सवाल यह भी सामने आ रहा है कि जनवरी के अंत (end of january) में कोरोना के चरम पर पहुंचने की जो बात जो विशेषज्ञ कर रहे थे, क्या उनका अनुमान गलत था? नए आंकलनों की मानें, तो भारत (India) में कोविड-19 का चरम अब आगामी 23 जनवरी को आ सकता है कहा जा रहा है कि इस दौरान देश में 7 लाख से अधिक मामले आने की संभावना है।
बता दें कि दूसरी तरफ देश में कोरोना के नए वेरियंट ओमिक्रोन की रफ्तार तेज हो गयी है। देशभर में ओमिक्रोन के आठ हजार, 891 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। यानि पिछले 24 घंटे में ओमिक्रोन के नए मामलों में 8.31 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। अब तक देश में ओमिक्रोन से एक व्यक्ति की मौत की पुष्टि हुई है।
भारत मे दिसंबर के बाद से लगातार कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। हर दिन मामले बढ़ रहे है, लेकिन पिछले चार दिनों से हर दिन लगभग ढाई लाख के करीब मामले रिपोर्ट हो रहे हैं. क्या भारत मे कोरोना के मामलों का पीक आ गया है और अब नए केस में कमी आएगी?
पिछले चार दिनों औसत ढाई लाख के पास रोजाना नए मामले सामने आ रहे है, हालांकि पॉजिटिविटी रेट में बढ़ोतरी हुई है, लेकिन संक्रमण के केस उतने ही बने हुए है। जिसके बाद ये सवाल है की क्या भारत में इस लहर का कोरोना संक्रमण पीक पर आ गया है. क्या अब और ज्यादा केस नहीं आयेंगे और मामलों में कमी आएगी। जानकारों का मानना है कि भारत मे अभी तक कोरोना का पीक नहीं आया है। ये भारत मे अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग समय पर आने की उम्मीद है, जैसे पिछली दोनों संक्रमण की लहरों में हुआ था।
इस संबंध में एम्स में कम्युनिटी मेडिसिन के डॉ पुनीत मिश्रा का कहना है कि कुछ राज्यों में केस कमी दर्ज की गई है। महाराष्ट्र और दिल्ली में कोरोना केस कम हुए हैं, लेकिन कोरोना की लहर आ गई है और खत्म होना शुरू हुई है ये नहीं कहा जा सकता है। भारत मे अलग अलग राज्यों में अलग-अलग समय पर पीक आएगा। कुछ ऐसा ही कहना है एम्स में कम्युनिटी मेडिसिन के एडिशनल प्रोफेसर डॉ हर्षल साल्वे का। उनका भी मानना है कि अलग राज्य में अलग-अलग समय पर कोरोना का पीक आएगा। पूरे भारत की बात करें तो मौजदा हालात में फरवरी के मध्य तक पीक आने की आशंका है।
दूसरी तरफ इंडियन पब्लिक हेल्थ एसोसिएशन के अध्यक्ष और एम्स में कम्युनिटी मेडिसिन के डॉ संजय राय के मुताबिक कुछ भी हम कर लें, केस को रोक पाना संभव नहीं है। दुनिया का कोई देश नहीं रोक पा रहा है। कोई भी एक्शन, चाहे लॉकडाउन लगाना हो या नाईट कर्फ्यू। रफ्तार स्लो हो सकती है, लेकिन रोक नहीं सकते है। एक साथ पूरे देश मे पीक नहीं आ सकती है। हर देश मे इंफेक्शन रेट अलग-अलग है, क्योंकि ये पुरानी इम्युनिटी पर निर्भर करता है। पहले कितनी इम्युनिटी हो चुकी है। दिल्ली मुम्बई में इंफेक्शन काफी ज्यादा था तो यहां पीक जल्दी आना चाहिए और वो महीने के अंत तक प्लस माइनस 10 दिन हो सकता है. ग्रामीण इलाकों में थोड़ा इंफेक्शन स्लो होता है तो उसको देखकर लगता है कि फरवरी मध्य से फरवरी के आखिर तक पीक आ जाना चाहिए। पिछले 20 दिनों में कोरोना के मामलों में हर दिन बढ़ोतरी दर्ज की गई है. इसके साथ ही पॉजिटिविटी रेट में भी। बढ़त दर्ज हुई है।
‘देश में अब तक 157.91 करोड़ से अधिक खुराक दी गई’
भारत में सोमवार को कोविड-19 रोधी टीकों की 68 लाख से अधिक खुराक दी गईं। इसके साथ ही देश में अब तक टीकों की 157.91 करोड़ से अधिक खुराक दी जा चुकी हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह जानकारी दी।
इस आंकड़े के अनुसार स्वास्थ्य कर्मियों, अग्रिम मोर्चा कर्मियों और 60 साल से अधिक उम्र के गंभीर बीमारी से ग्रस्त लोगों को कोविड-19 रोधी टीकों की 50 लाख से अधिक एहतियाती खुराक दी गयीं. मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार देश में अबतक कोविड-19 रोधी टीकों की 1,57,91,63,478 खुराक दी जा चुकी हैं।
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