भोपाल। मप्र में पंचायत चुनाव की तैयारियां एक माह बाद फिर शुरू हो गईं। गत माह ओबीसी आरक्षण के बहाने निर्वाचन आयोग ने नामांकन पूर्ण होने के बाद चुनाव प्रक्रिया बीच में निरस्त कर दी थी। कई लोगों ने तो बड़ी मात्रा में प्रचार-प्रसार सामग्री तक छपवा ली थी। दावेदारों में व्यापक आक्रोश था। जिसे देखते हुए आयोग ने अब नए सिरे पंचातयों का परिसीमन कराने, मतदाता सूची पुनरीक्षण व आरक्षण प्रक्रिया संपन्न कराने के आदेश जारी किए हैं। परिसीमन प्रक्रिया आज से 28 जनवरी तक चलेगी। इसी माह त्रिस्तरीय पंचायतों के चुनाव के पहले चरण के तहत मतदान कराए जाने की तैयारियां हो गई थी। प्रत्याशियों ने नामांकन फार्म भरने के बाद अपने-अपने क्षेत्रों में चुनाव प्रचार शुरू कर दिए थे। पंचायत स्तर पर देर रात पार्टियों और मतदाताओं को मनाने का काम तेजी से चल रहा था।
इसी बीच ओबीसी आरक्षण को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव निरस्त कर दिए थे। राज्य शासन व निर्वाचन आयोग के निर्देश पर मतदाता सूची बनने का काम शुरू हो गया है। निर्वाचन आयोग व राज्य शासन के निर्देशानुसार त्रिस्तरीय पंचायतों परिसीमन में ग्राम पंचायत के वार्ड से लेकर पंचायतों तक का परिसीमन वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार होगा। सन 2219 में हुए परिसीमन में कुछ छूटा है तो वह भी जैसे कोई गांव नगरीय सीमा में शामिल किया गया हो या पंचायतों का कोई वार्ड डूब क्षेत्रों में चला गया हो तो उस पर विशेष फोकस किया जाएगा। विधानसभा के दौरान यह स्पष्ट किया गया था कि ओबीसी आरक्षण के बगैर चुनाव संपन्न नहीं कराए जाएंगे। ऐसे में परिसीमन होने के बाद ही आरक्षण की प्रक्रिया को कराई जाएगी। जिसमें अभी समय लग सकता है।
अधिकतम 20 वार्ड
किसी भी पंचायत में यदि एक हजार तक जनसंख्या है तो वहां पर दस वार्ड पंचों के लिए बनाए जा सकते हैं। यदि एक हजार से अधिक जनसंख्या है तो अधिकतम बीस वार्ड ही बनाए जा सकेंगे। इतना ही नहीं ऐसी ग्राम पंचायत जिनकी जनसंख्या एक हजार से कम है तो उसे ग्राम पंचायत नहीं बनाया जाएगा। गांवो के आसपास बने टपरे आदि को भी परिसीमन में जोड़ा जाएगा।
परिसीमन की प्रक्रिया 21 फरवरी तक
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved