ज्जैन। कलेक्टर ने कहा है कि तीसरी लहर आ चुकी है तथा सावधानी बरतने की जरूरत है और समय रहते सख्ती से नियमों का पालन कराया जाना चाहिए। कलेक्टर ने निर्देश दिये कि समस्त एसडीएम उनके अधिकार क्षेत्र में कितने लोग अस्पताल में भर्ती हैं तथा कितने लोग होम आइसोलेशन में हैं, यह सुनिश्चित करें। तहसील स्तर पर बिल्डिंग, सामुदायिक भवन आदि को चिन्हित कर वहां कोविड केयर सेन्टर (सीसीसी) बनायें। सीसीसी में मेडिकल स्टाफ की राउण्ड द क्लॉक ड्यूटी लगाई जाये। दवाईयों के किट पर्याप्त मात्रा में रखें। मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और सेनीटाइजेशन का विशेष ध्यान रखा जाये। जो लोग घर के बाहर बिना मास्क के निकल रहे हैं, उन पर सख्ती से स्पॉट फाइन लगाया जाये, ताकि आमजन में जागरूकता फैले और वे मास्क को गंभीरता से लें।
अपने-अपने क्षेत्रों में आमजन घर से बाहर निकलते समय शत-प्रतिशत मास्क पहनकर ही निकलें, यह सुनिश्चित करें। होम आइसोलेशन में रह रहे मरीज के घर को कंटेनमेंट क्षेत्र बनायें और उनके घर के बाहर पोस्ट लगवाये जायें। संक्रमित मरीज और उसके परिवारजनों को घर से बाहर सात दिनों तक न निकलने दें। कलेक्टर ने कहा कि छोटे-छोटे प्रयासों का बहुत महत्व होता है। इस प्रकार के प्रयास करके ही कोरोना संक्रमण को काफी हद तक रोका जा सकता है। बैठक में डॉ. रौनक एलची द्वारा समस्त बीएमओ को जानकारी दी गई कि ऐसे कोरोना संक्रमित जो कार्डिएक पेशेंट भी हैं, उन्हें अतिरिक्त एंटीवायरल दवाई दी जा सकती है। उन्होंने बताया कि उज्जैन में होम आइसोलेशन में अब तक एक भी मृत्यु नहीं हुई है। ऐसा व्यक्ति जो दोबारा कोरोना पॉजिटिव आया है, उसका इलाज नई गाईड लाइन के अनुसार समस्त बीएमओ करें। यदि कोई गर्भवती महिला कोरोना पॉजिटिव आती है तो उनके इलाज के लिये गायनेकोलॉजिस्ट और पीडियाट्रीशियन की ड्यूटी ऑनकॉल लगाई जा सकती है। अनुभागों में जो भी कोरोना के प्रकरण आयें, उनकी रिपोर्ट तीन से चार घंटे के अन्दर जिला मुख्यालय भेजना सुनिश्चित करें। कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति के सभी फस्र्ट कॉन्टेक्ट्स को भी सात दिनों के लिये क्वारेंटाईन करना है। बैठक में नगर निगम आयुक्त अंशुल गुप्ता, एडीएम संतोष टैगोर, सीईओ जिला पंचायत सुश्री अंकिता धाकरे एवं विभिन्न विभागों के अधिकारीगण, मेडिकल आफिसर मौजूद थे।
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