नई दिल्ली । कहीं बर्फबारी (snowfall) तो कहीं बारिश (rain), कहीं धुंध तो कहीं शीतलहर (cold wave), शहर दर शहर मौसम का कहर. आखिर जनवरी के महीने में मौसम का मिजाज इतना बिगड़ा क्यों है? सर्दी के मौसम में इतनी बारिश क्यों हो रही है? कई फीट मोटी बर्फ की चादर से गंगोत्री धाम (Gangotri Dham) ढका है. धाम के पीछे पहाड़ों पर भी बर्फ ही बर्फ दिख रहा है. इन दिनों हिंदुस्तान में कोल्ड का ट्रिपल अटैक हुआ है. भीषण बर्फबारी से पहाड़ जम रहे हैं. दिल्ली (Delhi) और आस-पास के इलाकों में शीतलहर चलने वाली है. जबकि देश के 16 राज्यों में भारी बारिश का अनुमान है. पूस के महीने में मौसम इतनी करवटे क्यों ले रहा है?
बर्फबारी से कई जगह ट्रैफिक जाम
बारिश और बर्फबारी के कारण गंगोत्री हाईवे पर कई जगह ट्रैफिक रुका है. दो दिनों से गंगनानी, सुक्की टॉप से गंगोत्री तक रास्ता नहीं खुल सका है. यमुनोत्री हाईवे पर भी जाम लगा है. हनुमान चट्टी और राड़ी टॉप में बर्फबारी के कारण ट्रैफिक रोक दिया गया है. उत्तराखंड में बर्फबारी के कारण पारा लगातार गोते लगा रहा है. मैदानी इलाकों तक पारा दो डिग्री तक पहुंच गया है. हालात से निपटने के लिए डिजास्टर मैनेटमेंट की टीम को अलर्ट मोड में रखा गया है.
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में बर्फ के फाहे लगातार आसमान से बरस रहे हैं. पूरा शहर बर्फ से ढक गया है. पेड़ पौधे तक सफेद हो गए हैं. घरों की छतों पर भी बर्फ की मोटी चादर बिछी है. हालत ये है कि लोग घरों में दुबकने को मजबूर हो गए हैं. कड़ाके की ठंड से बचने के लिए अलाव का सहारा ले रहे हैं.
पर्यटन नगरी धर्मशाला में भी सीजन की पहली बर्फबारी हुई है. धर्मशाला के ऊपरी इलाके धर्मकोट, मैकलोड, नड्डी जैसे इलाकों में ज्यादा बर्फ पड़ी है. जिसके कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त होने लगा है. लेकिन ये श्वेत नजारा सैलानियों को लुभा रहा है.
चेन से बांधकर चलाई जा रही गाड़ी
शिमला और आसपास बर्फबारी के कारण सड़कें जाम हैं. रास्तों में फिसलन के कारण चेन से बांधकर टैक्सी चलाई जा रही है. धक्का लगाकर गाड़ियों को आगे बढ़ाया जा रहा है. ऊपर से मुसीबत ये कि पेड़ गिरने से कई जगह तार टूट गए. बिजली गुल हो गई. जिसके कारण रात भी लोगों ने अंधेरे में गुजारी.
जम्मू कश्मीर के डोडा जिले में घर गाड़ियां सबकुछ बर्फ में ढके हैं. पेड़, पौधे पहाड़. पूरा का पूरा शहर कई फीट बर्फ में दबा है. देखिए जो क्रेन सड़कों से बर्फ हटाने पहुंची, वो भी बर्फ में ही फंस गई. यहां गाड़ियों में जो सैलानी फंसे हैं. लेकिन यहां पर मुसीबत के बीच एक बार फिर कश्मीरियत दिखी है. जो लोग बर्फबारी में फंसे हैं. उनके लिए स्थानीय लोग भगवान बनाकर सामने आए हैं. खाना-पानी मुहैया करा रहे हैं.
हेवी स्नोफॉल के कारण पूरी घाटी में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. जगह जगह हाईवे बंद हो गए हैं. पुंछ के मेंढर में बर्फबारी के कारण रास्ते में फंसे लोगों को इंडियन आर्मी के जवान खाना-पानी और जरूरत के सामान मुहैया करा रहे हैं. तंगधार में आर्मी और बीएसएफ के जवानों ने MI हेलिकॉप्टर से चार मरीजों को एयरलिफ्ट किया और बॉर्डर से सटे गुरेज इलाके में भारी बर्फबारी के बीच 18 साल के लापता एक दिव्यांग को जम्मू कश्मीर पुलिस के लोगों ने ढूंढ निकाला.
मैदानी इलाकों में गिरा पारा
पहाड़ों पर बर्फबारी तो मैदानी इलाकों में लगातार गिरता पारा और शीतलहर, लिहाजा आग जलाकर लोग ठंड से बचाव कर रहे हैं. लेकिन पूस के महीने में दोहरी मुसीबत बनकर बारिश भी बरस रही है. जिसके कारण तापमान तीन से पांच डिग्री तक नीचे पहुंच रहा है.
दिल्ली में तीन दिनों की बारिश के बाद कल रात न्यूनतम तापमान चार डिग्री रिकॉर्ड हुआ. बारिश के बाद शीतलहर का अनुमान जताया गया. इसके पीछे वजह वेस्टर्न डिस्टर्बेंस को बताया गया. दरअसल, इस वक्त अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से आ रही नमी के चलते देश के कई राज्यों में बारिश हो रही है.
इसके अलावा उत्तर पाकिस्तान के ऊपर पश्चिमी विक्षोभ एक चक्रवातीय घेरा के रूप में ट्रफ के साथ सक्रिय है. इसके प्रभाव से पूर्वोत्तर राजस्थान के ऊपर चक्रवातीय घेरा अभी भी सक्रिय है. जिससे होकर ट्रफ लाइन दक्षिणी मध्य प्रदेश तक गुजर रही है.
इन इलाकों में रुक-रुक कर बारिश हो रही है. हालांकि दिल्ली और कुछ इलाकों में आज बारिश नहीं हुई. लेकिन मौसम विभाग ने अगले चार दिनों में 16 राज्यों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है. मतलब यूपी से लेकर बंगाल तक और त्रिपुरा से लेकर बिहार तक संक्राति काल में ठिठुरन और बढ़ेगी.
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