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    Lohri 2022: इस कहानी बिना अधूरा है लोहड़ी का त्‍यौहार, आप भी जरूर जान लें

  • January 09, 2022

    नई दिल्‍ली. लोहड़ी (Lohri) का पर्व सिख समाज द्वारा विशेष तौर पर मनाया जाता है. मकर संक्रांति (Makar Sankranti) के एक दिन पहले लोहड़ी सेलिब्रेट की जाती है। पंजाब और हरियाणा (Punjab and Haryana) सहित उत्तर भारत के ज्यादातर राज्यों में इस त्यौहार की धूम देखते बनती है। इस साल भी 13 जनवरी को लोहड़ी पर्व सेलिब्रेट किया जाएगा। लोहड़ी के दिन जिस घर में नई शादी हुई हो या फिर नया मेहमान आया हो तो उनके घरवालों को विशेष तौर पर बधाई दी जाती है। यही वजह है कि नई दुल्हन और बच्चे (bride and children) की पहली लोहड़ी काफी खास मानी जाती है।

    लोहड़ी का त्यौहार खुशियों का त्यौहार है, उल्लास का त्यौहार है। इस दिन जमकर भांगड़ा और गिद्दा डांस होता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि लोहड़ी का त्यौहार दुल्ला भट्टी (Dulla Bhatti) की कहानी सुनाए बिना अधूरा ही माना जाता है। अगर आपको इस बारे में जानकारी नहीं है तो हम आपको दुल्ला भट्टी की कहानी बताने जा रहे हैं जिसे खासतौर पर लोहड़ी के दिन सुनाया जाता है।


    ये है दुल्ला भट्टी की कहानी
    लोहड़ी के दिन दुल्ला भट्टी की कहानी खासतौर पर सुनाई जाती है। पंजाब में दुल्ला भट्टी (Dulla Bhatti) से जुड़ी एक काफी प्रचलित लोककथा है। कहते हैं कि मुगल शासन के दौरान जब बादशाह अकबर का राज था, उस वक्त पंजाब में दुल्ला भट्टी नाम का एक युवक रहा करता था। एक बार दुल्ला भट्टी ने देखा की कुछ अमीर व्यापारी सामान के बदले में इलाके की लड़कियों का सौदा कर रहे थे। इस पर दुल्ला भट्टी ने वहां पहुंचकर न सिर्फ लड़कियों को उन अमीर व्यापारियों के चंगुल से आजाद कराया था बल्कि बाद में मुक्त कराई गईं सभी लड़कियों की उन्होंने शादी भी करवाई थी। इस घटना के बाद से दुल्ला को भट्टी के नायक की उपाधि से नवाजा गया था। इन्हीं दुल्ला भट्टी की याद में लोहड़ी के दिन कहानी सुनाने की परंपरा चली आ रही है।

    नई बहू के लिए खास होती है लोहड़ी
    लोहड़ी का पर्व वैसे तो सभी के लिए खुशियां लेकर आता है लेकिन नववधु के लिए पहली लोहड़ी कुछ ज्यादा ही खास होती है। इस दिन विशेष रूप से नई बहू को दुल्हन की तरह सजाया जाता है। इसके बाद वह पूरे परिवार के साथ लोहड़ी के जश्न में शामिल होती है। नववधु लोहड़ी की परिक्रमा करने के बाद परिवार से सभी बड़े-बुजुर्गों से खुशहाल जीवन के लिए आशीर्वाद लेती है।

    लोहड़ी के लिए खासतौर पर पकवान बनाए जाते हैं। इसके लिए विशेष तौर पर गजक, तिल-गुड़ लड्डू, मक्के की रोटी- सरसों का साग तैयार किया जाता है। इस फेस्टिवल को सेलिब्रेट करने के लिए कई दिन पहले से ही तैयारियां भी शुरू हो जाती हैं।

    नोट– उपरोक्त दी गई जानकारी व सूचना सामान्य उद्देश्य के लिए दी गई है। हम इसकी सत्यता की जांच का दावा नही करतें हैं यह जानकारी विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, धर्मग्रंथों, पंचाग आदि से ली गई है । इस उपयोग करने वाले की स्वयं की जिम्मेंदारी होगी ।

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