जबलपुर। धोखाधड़ी के मामले में नैनपुर कोर्ट द्वारा 5 साल की सजा सुनाए जाने के बाद से फरार अमित खम्परिया को मंडला पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। आरोपी जबलपुर से उमरिया जा रहा था, उसी समय कटनी से उमरिया मार्ग पर मंडला की स्पेशल सेल ने उसे दबोच लिया। कोर्ट ने उसे भगोड़ा घोषित कर रखा था। गिरफ्तारी के बाद अमित खम्परिया के दिल में अचानक दर्द उठा। इसके बाद उसे मंडला जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। जिसकों लेकर तरह-तरह के सवाल उठ रहे है। वहीं चर्चा है कि हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत अर्जी खारिज होने के बाद आरोपी ने सेटिंग से खुद को पुलिस के हवाले किया और सेटिंग से ही अस्पताल में भर्ती हो गया, जो कि जांच का विषय है।
उल्लेखनीय है कि जबलपुर में एक सामाजिक संगठन का स्वयंभू अध्यक्ष और टोल सहित कई तरह के ठेके चलाने वाला अमित खम्परिया के खिलाफ चिटलरबाजी के मामले में नैनपुर कोर्ट ने पांच साल की सजा सुनाई थी। मामले में अनिरूद्ध प्रसाद सिंह सहित अन्य को भी सजा सुनाई है। सजा के बाद से ही खम्परिया फरार चल रहा था। कोर्ट के आदेश पर मंडला पुलिस ने स्पेशल सेल गठित की थी। शनिवार को खम्परिया जबलपुर से कटनी होते हुए उमरिया निकला था। टॉवर लोकेशन के आधार पर मंडला पुलिस ने कटनी-उमरिया रोड पर उसे दबोच लिया। अमित खम्परिया को गिरफ्तार कर मंडला पुलिस टाटरी थाने ले गई। वहां खम्परिया के कई वकील पहुंच गए। उसने दिल में दर्द होने की बात कही। उसे कोर्ट में पेश किया गया। वहां भी वह सीने को दबाकर बार-बार बैठ जा रहा था। वकीलों के आग्रह पर कोर्ट ने जिला अस्पताल में भर्ती कराने का निर्देश दिया। हालांकि अस्पताल में आते ही उसके दिल का दर्द गायब हो गया था। वह हाईकोर्ट से जमानत की कोशिश में जुटा है। अस्पताल में उसे वीआईपी ट्रीटमेंट मिल रहा है। वहां उसे मोबाइल से लेकर खानपान और सेवा के लिए उसके गुर्गों को भी रहने दिया गया है।
रशीदों में छेड़छाड़ कर वसूलते थे तीन गुना राशि
नैनपुर अपर सत्र न्यायालय द्वारा 2011 -12 में टोल का ठेका चलाने वाले संजीवनी नगर जबलपुर निवासी अमित खम्परिया, उमेश पांडेय, अनिरुद्ध सिंह चतुर्वेदी, रामजी द्विवेदी व दशरथ तिवारी ने अपने कर्मचारियों रज्जन ठाकुर, अमित पांडेय, श्रीकांत शुक्ला शनि ठाकुर और अजय बाल्मीक को पथकर वसूली के लिए नियुक्त किया था। ये साजिश के तहत कान्हा टाइगर रिज़र्व में आने वाले लोगों से दो से तीन गुना तक कर वसूली करते थे और फिर मार्कर का उपयोग कर रसीदों में भी छेड़छाड़ कर काली शाही से कूटरचित रसीदें बना देते थे।
5 साल की सजा होने के बाद हुआ था फरार
नैनपुर न्यायालय तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश डी.आर.अहिरवार ने रंजन ठाकुर, उमेश पांडे, अमित पांडे, अनिरुद्ध सिंह, श्रीकांत शुक्ला, सनी ठाकुर, अजय बाल्मीकि, अमित खम्परिया, रामजी द्विवेदी, व दशरथ प्रसाद तिवारी धोखाधड़ी, फर्जीवाड़ा मामले में 5 वर्ष की कठोर कारावास की सजा और अर्थदंड लगाया था। आरोपी रंजन अमित पांडे, श्रीकांत शुक्ला, सनी ठाकुर, अजय बाल्मीकि, अमित खम्परिया फरार तब से फरार थे। एक आरोपी उमेश पांडे का निधन हो चुका है।
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