नई दिल्ली । यूपी में चुनाव (UP Elections) का ऐलान हो गया है। चुनाव आयोग (Election Commission) ने कोरोना की थर्ड वेव (Third Wave of Corona) को ध्यान में रखते हुए राज्य में 15 जनवरी तक रैली, सभा, पदयात्रा, साइकिल यात्रा, नुक्कड़ सभाएं, रोड शो करने पर रोक लगा दी है। लेकिन भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) को इससे कोई फर्क नहीं पड़ रहा है, क्योंकि वह अपने चुनावी कैंपेन (Election Campaign) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) को चुनाव तारीख ऐलान से पहले ही प्रदेश भर में कई स्थानों पर उनकी सभाएं कराने में आगे है, एक तरह से देखा जाए तो वह चुनाव प्रचार में अभी अन्य पार्टियों की तुलना में यहां सपा (SP), बसपा और कांग्रेस ( BSP-Congress) तीनों से आगे चल रही है।
पीएम मोदी ने 16 नवंबर से लेकर 2 जनवरी तक पिछले डेढ़ महीने के दौरान यूपी के हर इलाके में रैली कीं। पूर्वांचल से लेकर वेस्ट यूपी तक पीएम की ताबड़तोड़ 14 चुनावी रैलियां आयोजित की गईं। इन रैलियों के बहाने उन्होंने तमाम नए प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास-उद्घाटन किया। पहले फेज में यूपी के 11 जिलों की 58 सीटों पर वोटिंग होगी। ये जिले मेरठ, अलीगढ़, आगरा, मथुरा, शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, हापुड़, बुलंदशहर हैं। पीएम ने अपनी आखिरी रैली इन्हीं में से एक मेरठ में की थी। यहां पीएम ने खेल विश्वविद्यालय का शिलान्यास किया। इस जिले के इर्द-गिर्द बागपत, मुजफ्फरनगर, गाजियाबाद, हापुड़, बुलंदशहर, शामली और गौतमबुद्धनगर आते हैं, जो मेरठ से सीधे-सीधे प्रभावित होते हैं।
ये इलाका किसान वोटर्स का गढ़ हैं, जिन्हें भाजपा से नाराज बताया जा रहा है। ऐसे में साफ है कि मोदी की आखिरी रैली इन्हीं वोटर्स को मनाने के लिए हुई थी। अब वहीं से चुनाव आयोग ने इलेक्शन की शुरुआत कर दी है। पहले ये भी कहा जा रहा था कि इस बार यूपी में पूर्वांचल से चुनाव होगा। मोदी ने राज्य में पहली जनसभा 16 नवंबर को सुल्तानपुर में की थी। यहां पूर्वांचल एक्सप्रेस का उद्धाटन किया था। यहां पांचवें फेज में चुनाव होंगे।
बतादें कि 2017 में भी यूपी में 7 फेज में विधानसभा चुनाव हुए थे। पहले फेज में 11 फरवरी को वोटिंग हुई थी। इस बार पहले फेज में 10 फरवरी को वोटिंग होगी। 2017 में आखिरी फेज में 8 मार्च को वोटिंग हुई थी। इस बार 5 मार्च को वोटिंग होगी। 2017 में कुल 27 दिनों में चुनाव समाप्त हुए थे। इस बार 25 दिनों में चुनाव खत्म होंगे। यानी 2 दिन कम लग रहे चुनाव संपन्न होने में।
ये रहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुख्य रैलियां-
16 नवंबर: सुल्तानपुर में 341 किमी लंबे पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन किया। 19 नवंबर: बुंदेलखंड दौरे में महोबा का अर्जुन बांध परियोजना का उद्घाटन किया। 19 नवंबर: झांसी में डिफेंस कॉरिडोर देश को सौंपा। झांसी के जरिए बुंदेलखंड को सौगात दी। 20 नवंबर: लखनऊ में डीजीपी-आईजी सम्मेलन में शामिल हुए। दो दिन लखनऊ में रहे। 25 नवंबर: जेवर में जनसभा संबोधित की। जेवर एयरपोर्ट का शिलान्यास किया।
इसी तरह से 7 दिसंबर: गोरखपुर के एम्स के अलावा एक बड़ा फर्टिलाइजर प्लांट का लोकार्पण किया। 11 दिसंबर: बलरामपुर में 9,600 करोड़ के सरयू कनाल प्रोजेक्ट का लोकार्पण किया। 14 दिसंबर : वाराणसी में 339 करोड़ के काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर का लोकार्पण किया। 18 दिसंबर: शाहजहांपुर में गंगा एक्सप्रेस-वे की आधारशिला रखी। 21 दिसंबर: प्रयागराज के परेड मैदान में दो लाख से अधिक महिलाओं को संबोधित किया।
23 दिसंबर: काशी में पीएम की जनसभा हुई। इस दौरान उन्होंने काशी को 1500 करोड़ की परियोजनाओं की सौगात दी। 28 दिसंबर: कानपुर में करीब 3 घंटे रहे। आईआईटी के दीक्षांत समारोह और फिर निराला नगर रेलवे मैदान में लोकार्पण और शिलान्यास किया और 2 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मेरठ को 700 करोड़ की लागत से बनने वाले खेल विश्वविद्यालय की सौगात दी है ।
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