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मप्रः तीन महिला समेत 78 प्रशिक्षु अधिकारियों ने स्वयं को किया देश को समर्पित

January 09, 2022

– सीमा सुरक्षा बल अकादमी टेकनपुर में सहायक कमाण्डेंट (विभागीय) की दीक्षांत परेड संपन्न

ग्वालियर। ग्वालियर के टेकनपुर स्थित सीमा सुरक्षा बल अकादमी में शनिवार को सहायक कमांडेंट (विभागीय) क्रमांक-13का भव्य दीक्षांत परेड समारोह अकादमी के वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई परेड स्थल में किया गया। इस परेड में 3 महिला प्रशिक्षु अधिकारी सहित कुल 78 प्रशिक्षु अधिकारियों ने स्वयं को देश को समर्पित किया। इसके साथ ही सभी 78 प्रशिक्षु अधिकारी देश की सीमाओं पर तैनाती के लिए तैयार हैं।

प्रशिक्षु अधिकारियों ने मुख्य अतिथि केन्द्रीय खेल एवं युवा कल्याण तथा सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर के समक्ष एक शानदार परेड का प्रदर्शन किया। परेड का प्रारम्भ मार्कर के परेड ग्राउण्ड पर आने से शुरू हुआ। परेड ने वीरांगना लक्ष्मीबाई परेड स्थल पर सुसज्जित होकर पहले अकादमी के संयुक्त निदेशक जेएस ऑबराय, वीएसएम महानिरीक्षक एवं मुख्य प्रशिक्षक तथा अपर महानिदेशक, सीमा सुरक्षा बल अकादमी (आईपीएस) पीवी रामा शास्त्री को सलामी दी। उसके बाद सीमा सुरक्षा बल के महानिदेशक (आईपीएस) पंकज कुमार सिंह को परेड द्वारा सलामी दी गई।

मुख्य अतिथि अनुराग ठाकुर ने पहले शहीद स्मारक, अजेय प्रहरी पर जाकर पुष्पचक्र एवं श्रद्धांजलि अर्पित की। उसके उपरान्त मुख्य अतिथि सीमा सुरक्षा बल के अश्वरोही दल की अगवानी में परेड स्थल पर पहुंचे और वहां परेड की सलामी ली, तत्पश्चात् सुसज्जित परेड का निरीक्षण किया। तदोपरान्त परेड कमाण्डर प्रशिक्षु अधिकारी अजीत कुमार सिंह तथा सभी प्रशिक्षु अधिकारियों ने मुख्य अतिथि अनुराग ठाकुर के समक्ष देश के संविधान के प्रति एकता, अखण्डता व सम्प्रभुता को बनाये रखने के लिये अपने आपको समर्पित करने की शपथ ली।

अकादमी के निदेशक पीवी रामा शास्त्री, संयुक्त निदेशक जेएस ऑबराय, उप महानिरीक्षक केएल साह व द्वितीय कमान अधिकारी ऊधम सिंह कुहाद एवं सीओटी की प्रशिक्षण टीम के कुशल मार्गदर्शन में इन अधिकारियों ने कठिन प्रशिक्षण प्राप्त कर अपने आपको देश की सीमाओं की देखभाल के लिये सक्षम बनाया है। मानसिक सजगता, शारीरिक योग्यता तथा बुद्धि की तीक्ष्णता के आधार पर विभागीय स्पर्धा के माध्यम से चुने गए इन युवा अधिकारियों में 59 स्नातक तथा 19 स्नात्कोत्तर की शैक्षणिक योग्यता रखते हैं। पास आऊट होने वाले अधिकारी देश के अलग-अलग राज्यों से संबंध रखते हैं।

सहायक कमांडेट (विभागीय) को 28 सप्ताह के कठिन प्रशिक्षण की भट्टी में फौलाद की तरह तपाकर सीमा सुरक्षा बल की कुशल प्रशिक्षण टीम ने इन्हें शारीरिक प्रशिक्षण, ड्रिल, युद्ध कौशल, निशानेबाजी, बिना हथियार लड़ने की कला, विधि व कानून, मानवाधिकार अधिनियम, पुलिस की रोजमर्रा की कार्यवाही, आपदा प्रबंधन, मैप रीडिंग, सीमा की निगरानी आतंकवाद व उग्रवादियों से लड़ने जैसे विषयों के साथ वाहन चलाना, कम्प्युटर प्रशिक्षण, तैराकी, घुडसवारी और एडवेन्चर ट्रेनिंग का भी गहन प्रशिक्षण दिया गया है। ट्रेनिंग के दौरान इनके व्यक्तित्व को संवारने चरित्र निर्माण तथा नेतृत्व क्षमता को विकसित करने पर विशेष कार्यक्रम चलाये गये। सीमा सुरक्षा बल की सामान्य ड्यूटी की तीन महिला अधिकारी भी अपने 28 सप्ताह के कठिन तथा चुनौती पूर्ण प्रशिक्षण के बाद पास-आऊट हुई हैं।

मुख्य अतिथि ठाकुर ने प्रथम आये प्रशिक्षु अधिकारियों को ट्राफियां वितरित की

ट्राफी का नाम सहायक कमाण्डेन्ट (विभागीय)

1. स्वार्ड ऑफ ऑनर(सर्वोत्तम प्रशिक्षु) नरेश चौधरी
2. गृहमंत्री ट्राफी (बाहरी प्रशिक्षण में सर्वोत्तम) नरेश चौधरी
3. महानिदेशक ट्रॉफी (आन्तरिक प्रशिक्षण में प्रथम) अनमोल दीक्षित
4. निदेशक बेटन (ड्रिल में सर्वोत्तम) अजीत कुमार सिंह
5. निदेशक ट्राफी (निशानेबाजी में सर्वोत्तम) गैलियोंहिडाम
6. कमाण्डर्स ट्राफी (शारीरिक प्रशिक्षण एवं खेल में सर्वोत्तम) सुभाष चन्द्र मुवाल

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने युवा अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि आज आपका स्मार्ट टर्न आऊट, निपुण ड्रिल एवं जोश इस अकादमी में प्रशिक्षण के दौरान प्राप्त किए आपके उच्च दर्जे के व्यावहारिक प्रशिक्षण, सक्षमता, आत्मविश्वास को जाहिर करता है। आपके द्वारा प्राप्त किए गए प्रशिक्षण को देखकर मैं पूर्णरूपेण आश्वस्त हूँ कि आप लोगों के हाथों में सीमा सुरक्षा बल का भविष्य पूरी तरह सुरक्षित है। मुझे यकीन है कि आप अपनी लगन, समर्पण एवं कठोर परिश्रम की बदौलत न सिर्फ सीमा सुरक्षा बल का, वरन् भारतवर्ष का नाम दुनिया में रोशन करेगें।

उन्होंने कहा कि आपने आज अपने आपको राष्ट्र को समर्पित कर दिया है। आज के बाद राष्ट्रहित ही आपकी प्राथमिकता होनी चाहिए। सीमा सुरक्षा बल की तैनाती के दौरान कई बार आपको जोखिम भरे सख्त निर्णय लेने होंगे। ऐसे हालात में भी आपको कानून के दायरे में रहते हुए सच्चाई, गरिमा, ईमानदारी एवं निष्पक्षता के साथ कार्य करना होगा।सीमा सुरक्षा बल, देश के सर्वोत्तम सुरक्षा बलों में से एक है, जिसने 1971 के युद्ध में अपनी अमिट छाप छोड़ी है। आज इसे विश्व के सबसे बड़े सीमा सुरक्षा बल होने का सम्मान भी प्राप्त है। इस बल ने तमाम मुश्किलों के बाद भी बेहतरीन परिणाम दिए है। अतः आपको सीमा सुरक्षा बल के सदस्य होने पर गर्व होना चाहिए। इसके अलावा प्रशिक्षु अधिकारियों के माता-पिता को अपने बच्चों को देश सेवा हेतु भेजने के लिए बधाई दी। परेड के उपरान्त अनुराग ठाकुर पिपिंग सेरेमनी में प्रशिक्षु अधिकारियों और उनके अभिभावकों से मिले।

परेड़ के समाप्त होने के पश्चात उपस्थित अभिभावकों तथा दर्शकों के मनोरंजन के लिये शानदार डॉग शो, चेतक शो तथा जांबाज शो का आयोजन किया गया, जिसका लोगों ने बहुत आनन्द उठाया। (एजेंसी, हि.स.)

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