– मुख्यमंत्री ने की नगरीय विकास एवं आवास विभाग की समीक्षा, कहा- शहरी विकास की प्रोग्रेसिव एप्रोच अपनाएं
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने गुरुवार को नगरीय विकास एवं आवास विभाग की समीक्षा (Review of Urban Development and Housing Department) की। इस दौरान उन्होंने कहा कि शहर की सड़कें प्रदेश की छवि का आईना होती हैं। किसी भी शहर की सड़क खराब नहीं दिखनी चाहिये। यह हमारी पहली प्राथमिकता है कि सभी शहरों की सड़के बेहतर रहें।
उन्होंने कहा कि शहर के विकास की प्रोग्रेसिव एप्रोच अपनाएं। दीनदयाल रसोई योजना के संबंध में पब्लिक का फीडबैक लें। अन्य राज्यों में संचालित भोजनालय के संचालन की भी जानकारी लें। दीनदयाल अंत्योदय समितियों को भी इनसे जोड़ा जा सकता है। मोबाईल रसोई योजना के संबंध में भी प्रस्ताव बनाएं। बैठक में नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि दीनदयाल रसोई का संचालन नगरीय निकायों को करना चाहिये।
मुख्यमंत्री ने रात्रिकालीन आश्रयों के आकलन और इनकी ब्रांडिंग के निर्देश दिये। शहरी पथ विक्रेताओं को शासन की अन्य कल्याणकारी योजनाओं का भी लाभ दिलायें। उन्होंने कहा कि पथ-विक्रेताओं को समय पर लोन उपलब्ध करायें। इन्हें डिजिटल ट्रांजेक्शन के लिये प्रेरित करें।
स्वच्छता पर प्रदेश को बनाएं नम्बर-1
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले स्वच्छ सर्वेक्षण में प्रदेश को नम्बर-1 में लाने के लिये कार्य करें। इस अभियान में जनता और जन-प्रतिनिधियों को भी जोड़ें। नर्मदा किनारे बसे शहरों में जारी सीवरेज प्रोजेक्ट का कार्य शीघ्र पूरा किया जाए। अमरकंटक सहित सभी शहरों में जहाँ सीवरेज प्रोजेक्ट पूरा हो गया है, वहाँ पर सभी घरों का सीवरेज कनेक्शन अनिवार्य रूप से जोड़ें।
उन्होंने कहा कि सीवरेज सिस्टम और पेयजल लाइन के कारण खराब होने वाली सड़कों की मरम्मत की शर्तें टेण्डर में ही जोड़ें और उसका पालन भी सुनिश्चित करें। नगरीय विकास मंत्री ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन-2 के लिये डीपीआर जल्द बनाकर केन्द्र से स्वीकृति प्राप्त की जाएगी।
वायु गुणवत्ता में भी प्रदेश रहे अव्वल
मुख्यमंत्री ने कहा कि वायु गुणवत्ता के मामले में भी प्रदेश को अव्वल बनायें। बैठक में प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं आवास मनीष सिंह ने बताया कि आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के लक्ष्य के अंतर्गत भोपाल में 22 प्रतिशत और ग्वालियर में 11 प्रतिशत तक वायु गुणवत्ता में सुधार हुआ है। इंदौर और जबलपुर में भी वायु गुणवत्ता संतोषजनक स्तर पर है।
इंक्यूवेशन केन्द्रों को उपयोगी बनायें
मुख्यमंत्री ने कहा कि शहरों में संचालित स्टार्ट-अप इंक्यूवेशन केन्द्रों को उपयोगी बनायें। इन केन्द्रों के माध्यम से निकले स्टार्ट-अप के माध्यम से नये उद्यमी निकालें। इसके लिये व्यापक नीति बनाएं। बैठक में बताया गया कि इंक्यूवेशन केन्द्रों को आईआईटी और आईआईएम तथा अन्य महत्वपूर्ण कंसल्टिंग फर्म से जोड़ा जा रहा है। चौहान ने कहा कि कौशल विकास के प्रशिक्षण कार्यक्रम के बाद यह देखें कि कितने लोगों का प्लेसमेंट हुआ और कितने लोगों ने स्व-रोजगार स्थापित किया। अंतिम उद्देश्य रोजगार देना है। सागर में सीआईआई द्वारा संचालित प्रशिक्षण केन्द्र के मॉडल को अन्य स्थानों पर भी लागू करें।
नगरीय निकायों के लिये आय के साधन ढूँढें
मुख्यमंत्री ने कहा कि नगरीय निकायों की आय बढ़ाने के लिये साधन ढूँढें। हर शहर में मेरिज गार्डन का निर्धारित शुल्क के साथ रजिस्ट्रेशन सुनिश्चित करें। कम्पाउंडिंग में दी गई 30 प्रतिशत तक की छूट के बाद इसे प्रभावी तरीके से क्रियान्वित करें। नियमों के पालन में ढिलाई नहीं बरतें। मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि लैण्ड यूज चेंज करने की प्रक्रिया सरल होनी चाहिये। नगरीय निकायों में लागू ई-गवर्नेंस सिस्टम का लाभ नागरिकों को मिलना चाहिये। इसका बेहतर मॉडल अपनायें।
15 अगस्त, 2023 तक मेट्रो शुरू करने का लक्ष्य बनायें
मुख्यमंत्री ने कहा कि मेट्रो रेल परियोजना के प्राथमिकता कॉरीडोर के संचालन के लिये 15 अगस्त, 2023 तक का लक्ष्य बनायें। बैठक में बताया गया कि प्राथमिकता कॉरीडोर के संचालन के लिये आवश्यक कार्यों की निविदा जारी हो चुकी है। चौहान ने कहा कि इंदौर से उज्जैन और पीथमपुर के लिये भी मेट्रो ट्रेन के सर्वे की कार्यवाही होनी चाहिये। नल के माध्यम से पेयजल उपलब्ध करवाने के लिये निर्धारित लक्ष्य के अनुसार कार्यवाही करें। प्लानिंग सोच-समझकर करें। बैठक में बताया गया कि 59 शहरों में यह कार्य पूरा हो गया है। सितम्बर-2023 तक 100 शहरों में कार्य करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
प्रदेश को नम्बर-1 बनाने करें मिशन मोड पर कार्य
मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र प्रवर्तित सभी योजनाओं में प्रदेश को नम्बर-1 बनाने के लिये मिशन मोड पर कार्य करें। वर्तमान में प्रदेश पीएम स्व-निधि योजना में प्रथम, आवास योजना में द्वितीय, स्मार्ट सिटी में द्वितीय, स्वच्छ भारत मिशन में तृतीय और अमृत योजना में चतुर्थ स्थान पर है।
नगरीय निकायों का कैडर बनायें
मुख्यमंत्री ने कहा कि नगरीय निकायों में मुख्य नगरपालिका अधिकारियों की पद-स्थापना के लिये कैडर बनायें। कैडर बनने तक ग्रामीण विकास विभाग की तरह नीति बनाकर सक्षम अधिकारियों की पद-स्थापना करें। उन्होंने कहा कि रिडेंसीफिकेशन की योजनाओं में गत एक वर्ष में बेहतर कार्य हुआ है। इस पर अन्य शहरों में भी काम होना चाहिये। उन्होंने कहा कि मिनी स्मार्ट सिटी पर भी समय-सीमा में कार्य करवायें। उशहरों का मास्टर प्लान जल्द लायें। उन्होंने नगरीय निकायों में स्थापना/गौरव दिवस का आयोजन व्यापक स्तर पर होना चाहिये। इसमें शहर के लोगों के साथ ही शहर के लोग, जो बाहर रहते हैं, उन्हें भी जोड़ा जाये। उन्होंने अन्य योजनाओं की भी समीक्षा कर जरूरी निर्देश दिये।
बैठक में नगरीय विकास एवं आवास राज्य मंत्री ओपीएस भदौरिया ने भी महत्वपूर्ण सुझाव दिये। प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं आवास मनीष सिंह ने योजनाओं के संबंध में प्रेजेंटेशन दिया। इस दौरान मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव वित्त मनोज गोविल, प्रमुख सचिव जनसम्पर्क राघवेन्द्र सिंह, आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास निकुंज श्रीवास्तव, आयुक्त ग्राम एवं नगर निवेश मुकेश गुप्ता, आयुक्त हाउसिंग बोर्ड भरत यादव सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। (एजेंसी, हि.स.)
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