मुंबई । मुंबई की एक विशेष एनआईए अदालत (NIA Special Court Mumbai) ने मुस्लिम युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और उन्हें पश्चिम एशिया के आईएस/आईएसआईएल/आईएसआईएस (IS/ISIL/ISIS) चरमपंथी समूहों में शामिल होने (Joining Extremist groups) के लिए उकसाने के आरोप में मलाड उपनगर से आईएस से जुड़े दो आतंकियों (2 terrorists linked to IS ) को दोषी ठहराया है (Convicted) । अधिकारियों ने गुरुवार को यहां यह जानकारी दी।
एनआईए ने कहा कि दोनों (मोहसिन इब्राहिम सैय्यद और रिजवान अहमद) को मार्च 2016 में राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने हिरासत में लिया था और फिर संवेदनशील मामले की गहन जांच की। दोनों मलाड- मालवानी उपनगर के गरीब युवा मुसलमानों को इस्लामिक स्टेट में शामिल होने के लिए कट्टरपंथी बनाने का प्रयास कर रहे थे, उन्हें विदेश यात्रा करने और भारत के साथ संबद्ध राष्ट्रों के खिलाफ ‘युद्ध छेड़ने’ के लिए आतंकवादी समूहों के सदस्य बनने के लिए प्रेरित किया।
सैय्यद और अहमद ने भी उन्हें इस्लाम के लिए फिदायीन लड़ाके बनने के लिए मजबूर किया और आईएस में शामिल होने के लिए उनके देश से बाहर जाने की व्यवस्था की।
मूल रूप से, आतंकवाद विरोधी दस्ते, कालाचौकी ने 12 दिसंबर, 2015 को मामला दर्ज किया था और बाद में एनआईए ने मार्च 2016 में एक नया मामला दर्ज करके जांच अपने हाथ में ले ली। एनआईए ने अपनी जांच पूरी करने के बाद जुलाई 2016 में विशेष एनआईए कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी।
पांच साल से अधिक समय तक चले मुकदमे के बाद, विशेष एनआईए अदालत ने बुधवार को सैय्यद और अहमद दोनों को दोषी पाया और उन्हें दोषी ठहराया।
विशेष एनआईए न्यायाधीश ए.टी. अधिकारियों ने कहा कि वानखेड़े ने सजा सुनाने की तारीख 7 जनवरी (शुक्रवार) तय की है।
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