नई दिल्ली। रेटिंग एजेंसी इकरा ने अपनी हालिया जारी रिपोर्ट में दावा किया है कि भारतीय फार्मा उद्योग वित्त वर्ष 2022-23 में रौनक रहेगी। इसमें कहा गया है कि यह उद्योग 9 से 11 फीसदी की दर से आगे बढ़ेगा। एजेंसी ने नये प्रोडक्ट इंट्रोडक्शन, रुपये में गिरावट और बाजार कवरेज के विस्तार के अलावा गैर-कोविड उत्पादों की मांग में सुधार को इसके लिए प्रमुख कारक करार दिया है।
इकरा के मुताबिक, अमेरिकी बाजारों में कीमत से संबंधित दबाव के चलते दूसरी तिमाही में राजस्व वृद्धि सीमित रही, लेकिन भारत और अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं में इसकी वृद्धि दर मजबूत है। इसमें कहा गया है कि मजबूत राजस्व वृद्धि के कारण फार्मा क्षेत्र के लिए दृष्टिकोण स्थिर बना हुआ है।
अपने अनुमान को जाहिर करते हुए रिपोर्ट में इकरा ने कहा कि कई कारक हैं जो इस वित्त वर्ष में फार्मा उद्योग की वृद्धि की ओर इशारा कर रहे हैं। इक्रा में सहायक उपाध्यक्ष दीपक जोतवानी की मानें तो मूल्य निर्धारण के दबाव और कच्चे माल की बढ़ती लागत से वित्त वर्ष 2022 में इस क्षेत्र के लिए मार्जिन 22.5 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2023 में 21 से 22 प्रतिशत के पूर्व-कोविड स्तर तक पहुंचने की उम्मीद है।
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