भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने मंगलवार को मंत्रालय में किसान-कल्याण एवं कृषि विकास विभाग की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने कहा कि शरबती गेहूँ मध्यप्रदेश की पहचान है। इसका क्षेत्र बढ़ाने के प्रयास हों। मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालाओं को प्राथमिकता के साथ शुरू कराएं। समीक्षा बैठक में किसान-कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री कमल पटेल, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस सहित विभागीय अधिकारी मौजूद थे।
मुख्यमंत्री ने भण्डारण प्र-संस्करण बुनियादी ढांचा विकास के लिए बेहतर कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कस्टम, हायरिंग सेंटर में हम देश में नम्बर वन हैं। इनका संचालन ठीक ढंग से हो। उन्होंने वर्ष 2022 के विभागीय विजन की जानकारी ली। उन्होंने फसलों के विविधीकरण को बढ़ावा देने, जैविक एवं प्राकृतिक खेती और मोटे अनाज को बढ़ावा, कृषि निर्यात को बढ़ावा और कृषि में आधुनिक तकनीकी का उपयोग करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कृषि निर्यात के लिए मिशन मोड में जुट जाये। रोडमैप बनाकर कार्य करें। नरवाई जलाने की घटनाओं को प्रदेश में कम किया गया है। ऐसी घटनाओं को पूरी तरह नियंत्रित करें।
उन्होंने कहा कि “एक जिला-एक उत्पाद” योजना में बेहतर कार्य करें। कृषि के क्षेत्र में स्टार्टअप को बढ़ावा दें। फसल उत्पादन का आकलन और गुणवत्ता का पता लगाने के लिए कार्य करें। प्रदेश में खाद की कोई कमी नहीं हो। अगले साल के लिए भी अभी से प्लान कर लें। मांग आधारित कृषि को बढ़ावा दें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जाये। देश और धरती को बचाने के लिए जैविक खेती जरूरी है। जैविक खेती में मध्यप्रदेश देश में नम्बर एक है। इसे बनाये रखने की जरुरत है। जैविक खेती का रकबा 17.31 लाख हेक्टेयर है। संभावनाओं का पता लगाकर निर्यात की ठोस रणनीति बनाये। खेती को असली ताकत बनाना है। (एजेंसी, हि.स.)
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