उज्जैन। 15 से 18 वर्ष तक के स्कूली बच्चों का टीकाकरण सोमवार से शुरू हुआ। इसके लिए शहर में १४६ सेंटर बनाये गये थे। टीकाकरण के बीच दशहरा मैदान कन्या स्कूल में अचानक कलेक्टर पहुंच गये। वहां उन्होनें टीका लगवा रही छात्राओं से पूछा कि वैक्सीन लगवाने में उन्हें डर तो नहीं लग रहा। कलेक्टर ने सेंटरों की व्यवस्थाओं की जानकारी भी अधिकारियों एवं कर्मचारियों से ली। प्रदेश के साथ सोमवार से उज्जैन जिले में भी 15 से 18 वर्ष के बच्चों को कोवेक्सीन का पहला डोज लगाने का क्रम शुरू हो गया। पूरे जिले में वैक्सीनेशन के लिए ३२९ सेंटर बनाये गये थे। इनमें से १४६ सेंटर शहरी क्षेत्र में अलग अलग स्कूलों में स्थापित किये गये थे। सुबह ९ बजे से ही बच्चों को वैक्सीन लगना शुरू हो गई थी। दोपहर में कलेक्टर आशीष सिंह विभिन्न विद्यालयों का निरीक्षण करने पहुंच गये। इस दौरान उन्होनें दशहरा मैदान स्थित शासकीय कन्या उमावि में पहुंचकर स्थिति की जानकारी ली। कलेक्टर टीकाकरण कक्ष में गये और वहां उन्होनें बच्चों से पूछा कि उन्हें टीका लगवाने में डर तो नहीं लग रहा है।
कलेक्टर ने बच्चों से कहा कि इसमें डरने की कोई बात नहीं है। आपको टीका लग जायेगा और पता भी नहीं चलेगा। दशहरा मैदान के स्कूल में जब कलेक्टर ने निरीक्षण किया तब तक लगभग 191 बच्चों को टीका लग चुका था। कलेक्टर ने टीकाकरण में ड्यूटीरत स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों से पूछा कि अगर कोई समस्या आये तो वे किससे सम्पर्क करेंगे। इस पर कर्मचारियों ने बताया कि इस हेतु नोडल डॉक्टर से सम्पर्क किया जायेगा। कलेक्टर ने विद्यालय में टीकाकरण के लिये बनाये गये प्रतीक्षालय कक्ष और ऑब्जर्वेशन कक्ष का भी निरीक्षण किया और वहां के कर्मचारियों से व्यवस्थाओं की जानकारी ली। इसके बाद कलेक्टर नीलगंगा स्थित लोकमान्य टिलक विद्यालय में निरीक्षण के लिये पहुंचे। वहां उन्होंने पूछा कि बच्चों के वेरिफिकेशन में किसी प्रकार की कोई दिक्कत तो नहीं आ रही है। उन्होनें कहा कि आपात स्थिति में नोडल डॉक्टर का सम्पर्क नम्बर अवश्य सेंटर पर रखें। लोकमान्य टिलक विद्यालय में निरीक्षण के दौरान लगभग 110 बच्चों का टीकाकरण किया जा चुका था। इसके पश्चात कलेक्टर ने माधवगंज स्थित शासकीय उमावि का निरीक्षण किया। उनके साथ नगर निगम आयुक्त अंशुल गुप्ता और जिला पंचायतसीईओ अंकिता धाकरे भी मौजूद थी।
17 दिन बाद परिवार में पहुंची मूक बधिर महिला
6 दिसम्बर को एक लावारिस मूक बधिर महिला को स्वाधार गृह में लाया गया था। संचालक वर्षा व्यास ने बताया कि उन्होनें महिला के परिजनों की तलाश के लगातार प्रयास किये। तब जाकर महिला की सम्बन्धी का फोन नम्बर महाराष्ट्र में धुले से प्राप्त किया । वहां से पता चला कि मूक बधिर महिला का परिवार जीरापुर जिला राजगढ़ में है। इस प्रकार महिला बाल विकास विभाग के प्रयासों से मूक बधिर महिला को 17 दिनों में उनके परिवार से मिलाया गया।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved