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फाइलें लटकाने की मानसिकला बदलें अधिकारी-कर्मचारी

January 04, 2022

  • मंत्रालय में कार्यालयों का निरीक्षण करेंगे अफसर
  • मुख्यमंत्री ने कहा जिलों के अफसरों के दौरों की मंत्रालयें से करें निगरानी

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि अधिकारी-कर्मचारियों की टालने, फाइल लटकाने और आलस भरी मानसिकता बदलने की जरूरत है। मंत्रालय में कार्य-क्षमता बढ़ाने के लिए निरीक्षण की प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित करना आवश्यक है। मंत्री सहित अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव स्तर के अधिकारी अपने अधीनस्थ कार्यालयों का आवश्यक रूप से निरीक्षण करें। साथ ही राज्य स्तर के वरिष्ठ अधिकारी भी जिलों और विकास खंड का दौरा करें।



मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि जिलों में पदस्थ अधिकारियों द्वारा किए जा रहे दौरों की राज्य स्तर से मॉनिटरिंग सुनिश्चित की जाए। जिला स्तरीय अधिकारियों द्वारा किए जा रहे दौरों का रिकॉर्ड निश्चित समय-सीमा में सामान्य प्रशासन विभाग को प्राप्त हो और उनका ऑनलाइन सुपरविजन हो, यह व्यवस्था सुनिश्चित करना आवश्यक है। दौरा डायरी के डिजिटल स्वरूप का क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्मचारियों में नैतिक उन्नयन के साथ ही कौशल उन्नयन और सेल्फ लर्निंग की प्रवृत्ति विकसित करना आवश्यक है। इसके लिए आनंद मंत्रालय के अल्पविराम कार्यक्रम के साथ अधिकारी-कर्मचारियों के प्रशिक्षण के साथ प्रेरणास्पद गतिविधियाँ संचालित की जाएंगी।

कर्मचारी आयोग कर तत्काल गठन करें
मुख्यमंत्री ने कर्मचारी आयोग का गठन तत्काल किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि रिक्त पदों पर भर्ती शासन के व्यवस्थित संचालन के लिए आवश्यक है। अत: रिक्त पदों पर भर्ती की प्रक्रिया प्रतिवर्ष संचालित हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि बैकलॉग के जितने भी पद हैं उन पर भर्ती की प्रक्रिया वर्ष 2022 में आरंभ की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि विभागीय जाँच की अधिकतम समय-सीमा तय की जाए। विभागीय जांचों में हो रहे विलंब को रोकने के लिए आईटी का उपयोग किया जाए। शासकीय कार्य केलिए शासकीय ई-मेल का ही उपयोग हो।

कानून-व्यवस्था के आधार पर जिलों करें रैंकिंग
मुख्यमंत्री ने गृह विभाग की समीक्षा में कहा कि आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण में कानून-व्यवस्था सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। पुलिस के कार्यों के प्रति जनता की संतुष्टि ही राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। प्रदेश में बच्चों और महिलाओं के प्रति अपराध, सायबर अपराध, ड्रग्स के प्रकरण और नक्सल समस्या के समाधान के लिए प्रभावी कार्य-योजना बनाना आवश्यक है। कानून-व्यवस्था की स्थिति के आधार पर जिलों की रैंकिंग सुनिश्चित की जाए। इससे जिलों में प्रतिस्पर्धी भाव विकसित होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सीएसपी, एसडीओपी तथा पुलिस अधीक्षक और इससे उच्च स्तर के अधिकारियों को क्षेत्र में दौरे बढ़ाने की आवश्यकता है। अधिकारियों के दौरों से कानून-व्यवस्था की स्थिति में सकारात्मक सुधार आने के साथ जनता में पुलिस व्यवस्था के प्रति विश्वास भी बढ़ता है। पुलिस मुख्यालय में पदस्थ वरिष्ठ अधिकारियों के अनुभव का उपयोग भी क्षेत्र की समस्याओं के समाधान में किया जाना चाहिए। अधिकारियों के दौरों का व्यवस्थित रिकार्ड राज्य स्तर पर संधारित किया जाए।

जिलों में विकसित करें आदर्श थाने
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में आदर्श थाने विकसित किए जाये, जिनमें जनता से व्यवहार, अपराधों पर नियंत्रण जैसे बिन्दुओं के आधार पर निश्चित समयावधि में रैंकिंग की जाए। थानों को जनता से बेहतर संवाद और जनता का विश्वास अर्जित करने की दिशा में कार्य करना होगा। साथ ही यह सुनिश्चित किया जाए कि थाने कबाड़ का अड्डा नहीं बने। जप्त वाहनों का समय-सीमा में निष्पादन सुनिश्चित करने के लिए निश्चित नीति निर्धारित की जाए।

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