नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के जांजगीर चांपा (Janjgir Champa) जिले में अटल बिहारी पावर प्लांट (Atal Bihari Power Plant) में बवाल हो गया है। नियमितीकरण की मांग को लेकर आंदोलन (Agitation) कर रहे मड़वा ताप विद्युत गृह के संविदा कर्मचारियों (contract employees) ने पथराव (stone pelting) और कर्मचारियों (employees) की गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया है। आंदोलन (Agitation) के आक्रमक रूप को देखते हुए पावर प्लांट के पास बड़ी संख्या में पुलिस (police) बल तैनात किया गया है। जांजगीर चांपा जिले (Janjgir Champa District) के मड़वा स्थित विद्युत विभाग (Department) के पावर प्लांट (power plant) में संविदा कर्मी स्थायी नौकरी (job) की मांग कर रहे हैं। एक जनवरी को भी कर्मचारियों (employees) ने जमकर हंगामा किया और जिला प्रशासन ने कर्मचारियों और प्रबंधन के बीच मध्यस्थता के लिए बैठक कराने का निर्णय लिया। लेकिन आज दोपहर जिला प्रशासन ने आंदोलकारियों से कोरोना के चलते आंदोलन स्थल से हटने के आग्रह किया जिसपर कर्मचारियों द्वारा पत्थरबाजी (stone pelting) की गई है। इससे कई सुरक्षाकर्मी घायल (security guard injured) हो गए हैं।वहीं उपद्रवियों ने कई गाड़ियों में आग लगा दी है।
मड़वा प्लांट (Madwa Plant) में कुछ ऐसे कर्मचारी फंसे (workers stranded) थे जो ब्लड प्रेशर और शुगर के मरीज थे। जिन्हें वहां से निकालना जरूरी था। ऐसे में स्थिति को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन को हल्की पानी की बौछार का प्रयोग करना पड़ा। ये कर्मचारी (Staff) अपनी मांगों को लेकर पिछले कई दिनों से आंदोलन पर हैं। कंपनी प्रबंधन तथा आंदोलनकारियों (agitators) के बीच बातचीत भी लगातार चलती रही है। कर्मचारियों की मांगों को लेकर प्रशासन द्वारा भी लगातार मध्यस्थता की कोशिश की जा रही है। पूर्व में इन कर्मचारियों ने छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मंडल के अध्यक्ष से बातचीत कराए जाने का आग्रह प्रशासन से किया था। इस पर प्रशासन ने चार जनवरी का समय तय किया. लेकिन कर्मचारियों का कहना था कि वार्ता और जल्दी करायी जाए। इस पर प्रशासन ने तीन जनवरी की नयी तारीख तय की थी।
आंदोलनकारी बातचीत के लिए राजी नहीं हुए और वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से आज ही बातचीत कराने की जिद करने लगे। उनकी इस जिद के बावजूद प्रशासन ने सहानुभूति पुर्वक पहल करते हुए वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से उनकी बात छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मंडल के अध्यक्ष से कराई। इसके बाद भी आंदोलनकारियों ने हटने से इंकार कर दिया। उनका कहना था कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जाती वो नहीं हटेंगे। इस पर जांजगीर कलेक्टर और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने आंदोलनकारियों को समझाया। अधिकारियों द्वारा उनकी सभी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जा रहा है. लेकिन अब कोरोना का संक्रमण गंभीर रूप से बढ़ रहा है इसलिए कोशिश की जा रही है कि फिलहाल वे आंदोलन स्थल से हट जाएं। वरिष्ठ अधिकारियों की इस बात पर आंदोलनकारियों में शामिल कुछ उपद्रवी तत्वों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी जिससे कई सुरक्षाकर्मी घायल हो गए।
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